हरिद्वार। शिक्षा विभाग की लापरवाही का खामियाजा 74 सहायक अध्यापकों को भुगतना पड़ रहा है। विभागीय लापरवाही के कारण स्थानान्तरण आदेश के लगभग 18 माह बाद भी प्राथमिक स्तर के 74 सहायक अध्यापकों को अभी तक कार्यमुक्त कर नई जगह पर कार्यभार ग्रहण नहीं कराया गया है। इन शिक्षकों ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गुहार लगायी है कि उन्हें जल्द से जल्द कार्यमुक्त करते हुए स्थानांतरित किये गये स्कूलों में कार्यभार ग्रहण कराया जाये।
बताया जा रहा है कि स्थानांतरण अधिनियम— 2017 की धारा—27 (दांपत्य और चिकित्सा आधार पर स्थानांतरण) के अंतर्गत उत्तराखण्ड के विभिन्न जनपदों से प्राथमिक और जूनियर शिक्षक/ शिक्षिकाओं का स्थानांतरण उनके द्वारा मांगे गये जनपदों में करने हेतु मुख्य सचिव, उत्तराखण्ड शासन की अध्यक्षता में दिनांक 02 दिसंबर 2019 को एक बैठक हुई थी।
बैठक में दाम्पत्य नीति, विकास योजनाओं हेतु परिसम्पत्ति अधिग्रहण, सेना/ अर्द्धसैनिक बल में तैनात कार्मिकों की शिक्षिका पत्नियों एवं विधवा/ तलाकशुदा के आधार पर स्थानांतरित किये जाने पर सहमति प्राप्त हुई थी उसका अनुमोदन मुख्यमंत्री द्वारा किये जाने के पश्चात कार्मिक विभाग द्वारा 20 दिसबंर 2019 को शासनादेश जारी करते हुये नये स्कूलों में ज्वाइंनिंग कराने का आदेश दिया था। इन सभी 74 शिक्षकों को शासनादेश जारी करते दिनांक 20—12—2019 को जारी किया गया था।
तत्पश्चात् आर—मीनाक्षी सुन्दरम सचिव, उत्तराखंड शासन शिक्षा अनुभाग—01(बेसिक) द्वारा इन स्थानांतरणों की सहमति के अलग—अलग आदेश माह जनवरी—फरवरी 2020 में इस दिशा निर्देशानुसार जारी किए गए थे कि सभी स्थानांतरण नये श्ौक्षिक सत्र (2020—21) अर्थात 01 अप्रैल 2020 से प्रभावी होंगे। शिक्षा विभाग द्वारा देहरादून को छोड़कर अन्य जनपदों में स्थानातरित प्राथमिक (स0अ0) को तो कार्यमुत्तQ/ कार्यभार ग्रहण करवा दिया गया लेकिन नया श्ौक्षिक सत्र 2021—22 आरम्भ होने के उपरान्त भी अभी तक, देहरादून स्थानांतरित प्राथमिक (स0अ0) शिक्षक/शिक्षिकाओं को देहरादून जनपद में कार्यभार ग्रहण कराने में बेवजह ना—नुकुर कर रहे हैं।
इन्हीं आदेशानुसार देहरादून स्थानांतरित प्रधानाध्यापक (प्राथमिक) और जूनियर के शिक्षकों को देहरादून में कार्यभार ग्रहण करवा दिया गया है। ये सभी स्थानांतरण शिक्षा विभाग द्वारा भेजे गए प्रस्तावों के आधार पर ही शासन द्वारा स्थानांतरण अधिनियम—2017 की धारा— 27 के अंतर्गत किए गये हैं।