स्कूल तो खुले मगर छात्र बहुत कम पहुंचे

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Getting temperature check for classes

कोरोना के डर से अभिभावक बच्चों को नहीं भेज रहे स्कूल
देहरादून। महीनों से कोरोना के कारण बंद पड़े जूनियर हाई स्कूलों को आज से खोल दिया गया है लेकिन आज पहले दिन स्कूलों में छात्रों की संख्या अत्यधिक कम रही। माना जा रहा है कि अभी अभिभावक अपने बच्चों की सुरक्षा को लेकर डरे हुए हैं और बच्चों को स्कूल भेजने को तैयार नहीं है।
राज्य में सरकार द्वारा स्कूलों को चरणबद्ध तरीके से खोला जा रहा है। इससे पूर्व 2 अगस्त को कक्षा 9 से लेकर 12वीं तक स्कूलों को खोले जाने के बाद आज जूनियर हाई स्कूलों को भी खोल दिया गया है, जिससे कक्षा छह से आठवीं तक के बच्चे नियमित रूप से स्कूल जा सकेंगे। राज्य में आज से जूनियर हाई स्कूलों को खोल तो दिया गया है लेकिन आज पहले दिन इन स्कूलों में बच्चों की संख्या अत्यधिक कम रही, कुछ स्कूलों में तो 10 फीसदी बच्चे ही स्कूल पहुंचे हैं जबकि कुछ स्कूलों में छात्रों की उपस्थिति 25 से 30 फीसदी तक रही।
राज्य में कुल 5452 जूनियर हाई स्कूल है जिनमें एक लाख से अधिक छात्र पढ़ते हैं। कोरोना के कारण महीनों से बंद पड़े इन स्कूलों को खोलने से पहले इसके लिए अलग से एसओपी भी जारी की गई थी जिसमें सभी स्कूलों को खोलने से पहले सेनीटाइज कराना, मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग तथा साफ—सफाई की व्यवस्था करने को कहा गया था। स्कूलों में छात्रों के लिए मांस्क लगाना जरूरी है अगर कोई छात्र बिना मास्क आता है तो स्कूल प्रबंधक उसे मास्क उपलब्ध कराएंगे।
बच्चों की कम संख्या को लेकर शिक्षकों का कहना है कि आज पहला दिन है लेकिन यह भी हो सकता है कि कुछ अभिभावक अभी भी कोरोना के डर से अपने बच्चों को स्कूल न भेज रहे हों। शिक्षा विभाग ने छात्रों को स्कूल भेजने न भेजने का निर्णय अभिभावकों पर छोड़ा हुआ है। बच्चों को स्कूल भेजने के लिए अभिभावकों की स्वीकृति जरूरी है।

कोरोना का खतरा टला नहीं है
देहरादून। कोरोना की तीसरी लहर का खतरा अभी भी टला नहीं है यही कारण है कि स्कूलो को खोलने और बच्चों को स्कूल भेजने पर अभी संशय बना हुआ है। हिमाचल में स्कूलों को खोले जाने के बाद 62 छात्रों के कोरोना संक्रमित मिलने पर सरकार द्वारा फिर से स्कूलों को बंद कर दिया गया है, वहीं पंजाब में 35 बच्चे संक्रमित मिले हैं। जिसके कारण अभिभावक बच्चों को स्कूल भेजने से डर रहे हैं।

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