देहरादून। उत्तराखंड राज्य में कोरोना संक्रमण के दूसरी लहर का असर अब काफी हद तक कम हो गया है। लेकिन अब कोरोना की संभावित तीसरी लहर को देखते हुए शासन स्तर पर अधिकारियों को तैयारियों के मद्देनजर दिशा—निर्देश जारी किए हैं। बच्चों की देखभाल के लिए पर्याप्त स्वास्थ्य सेंटर स्थापित करने के साथ ही वैज्ञानिक संस्थानों और मेडिकल एक्सपर्ट की राय के आधार पर तीसरी लहर की रोकथाम के लिए आवश्यक दिशा—निर्देश जारी हुए हैं।
मुख्य सचिव ओमप्रकाश की ओर से जारी किए गए निर्देशों के अनुसार 18 साल की आयु वर्ग के मरीजों के लिए सभी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों को कोविड केयर सेंटर के रूप में चिन्हित कर ऑक्सीजन बेड, आईसीयू, एचडीयू बेड की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए कहा गया है। तीसरी लहर को देखते हुए सभी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लेवल वन में कोविड केयर सेंटर के रूप में नामित होंगे। जोकि 18 साल तक के बच्चे किसी और बीमारी से ग्रसित हो गए हैं उनकी भी लिस्ट तैयार करने के निर्देश दिए गए हैं।
तीसरी लहर के मद्देनजर कम से कम 1,000 लीटर प्रति मिनट, क्षमता वाले ऑक्सीजन स्टोरेज टैंक की व्यवस्था करने के लिए भी निर्देशित किया गया है। साथ ही बाल रोग चिकित्सकों और स्टाफ नर्सों की उपलब्धता और प्रशिक्षण के भी दिशा—निर्देश दिए गए हैं। इसकी कमी को देखते हुए सुविधाएं आउटसोर्स पर स्वास्थ्य कर्मियों की तैनाती करने को कहा गया है। 18 साल की आयु वर्ग वाले आबादी में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए स्टेट टास्क फोर्स की संस्तुति पर मल्टीविटामिन और जिंक सप्लीमेंटेशन दिए जाने के लिए कहा गया है।
18 साल तक की आयु वर्ग के बच्चों के लिए दवाइयों के भंडारण किए जाने के लिए उपकेंद्रों को डिपो के रूप में उपयोग के लिए कहा गया है। राजकीय और निजी चिकित्सालय में रैपिड एंटीजन टेस्ट किए जाने की सुविधा उपलब्ध की जाए। बच्चों की जांच प्रतिशत को बढ़ाए जाने के भी निर्देश भी दिए गये हैं। चिकित्सालय में बाल रोग विशेषज्ञ कार्यरत है वहां पर रैपिड एंटीजन टेस्ट की जांच को अधिकृत किए जाने के निर्देश दिए गए हैं। संभावित परिस्थितियों के लिए एंबुलेंस को आरक्षित करें सभी जरूरी सामग्री और उपकरणों की खरीद करने के लिए भी कहा गया है।