वैक्सीन नहीं तो वेतन नहीं

0
762

देहरादून। देशभर में कोरोना की रोकथाम के लिए चलाए जा रहे वैक्सीनेशन अभियान को तेज करने के लिए तरह—तरह के तरीके अपनाए जा रहे हैं। हरियाणा सरकार द्वारा वैक्सीनेशन में तेजी लाने के लिए वैक्सीन नहीं तो वेतन नहीं का फार्मूला तैयार किया गया है। सरकार ने घोषणा कर दी है कि जिन सरकारी कर्मचारियों द्वारा कोरोना वैक्सीन की दोनों डोज नहीं लगवाई जाएगी उनका वेतन रोक दिया जाएगा।
अभी सरकार द्वारा यह फार्मूला सिर्फ उन्हीं कर्मचारियों पर लागू करने की बात कही गई है जो फ्रंटलाइन वर्कर की श्रेणी में आते हैं। क्योंकि इन्हीं लोगों को संक्रमित होने का सबसे अधिक खतरा रहता है। इसमें स्वास्थ्य एवं सफाई विभाग के कर्मचारी आते हैं। उल्लेखनीय है कि केंद्र सरकार द्वारा वैक्सीनेशन के क्रम में फ्रंटलाइन वर्करों को ही पहली प्राथमिकता पर रखा गया था। लेकिन अभी तक सभी फ्रंटलाइन वर्करों ने टीकाकरण नहीं कराया है। कोरोना की तीसरी लहर की संभावनाओं के मद्देनजर इन फ्रंट लाइन वर्करों का टीकाकरण सबसे ज्यादा जरूरी है।
देशभर में अभी सिर्फ एक चौथाई आबादी से भी कम लोगों को कोरोना की वैक्सीन की दोनों डोज मिल सकी है। जबकि 70 फीसदी आबादी को कोरोना की एक ही डोज लग सकी है। सरकार का लक्ष्य है कि साल के अंत तक पुरे देश में वैक्सीनेशन का काम पूरा कर लिया जाए। वैक्सीनेशन के प्रति जागरूकता बढ़ाने का काम भी कई स्तरों पर किया जा रहा है। वैक्सीनेशन करा चुके लोगों को कहीं भी आवागमन में आरटीपीसीआर जांच रिपोर्ट की अनिवार्यता को समाप्त कर दिया गया है। हरियाणा के इस फार्मूले को दूसरे राज्यों में भी अपनाए जाने की जरूरत है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here