देहरादून। मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने अन्तरराष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर उत्तराखण्ड आयुर्वेदिक विश्व विघालय परिसर में योगाभ्यास किया। सीएम ने गुरुकुल कांगड़ी में आयुर्वेद कैंसर संस्थान बनाए जाने की घोषणा भी की है।
इस दौरान मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने कहा कि योग की वजह से उत्तराखण्ड की विश्व में अलग पहचान है। संयुत्तQ राष्ट्र महासभा ने 21 जून को अन्तरराष्ट्रीय योग दिवस के रूप में मनाने की घोषणा की थी। यह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की पहल का परिणाम था। योग शारीरिक और मानसिक रूप से मजबूती प्रदान करता है। उन्होंने कहा कि योग को देश एवं दुनिया तक ले जाने में देवभूमि उत्तराखण्ड का महत्वपूर्ण योगदान रहा है। स्वस्थ जीवन के लिए सभी को नियमित योग करना होगा। इस दौरान सीएम तीरथ सिंह रावत ने गुरुकुल कांगड़ी में आयुर्वेद कैंसर संस्थान बनाए जाने की घोषणा की है। कहा कि यह देश का पहला आयुर्वेद कैंसर संस्थान होगा।
मुख्यमंत्री ने हिमाचल की तर्ज पर आयुर्वेदिक चिकित्सालय में एलोपैथिक परामर्श को अनुबंध करने की मांग को भी मानते हुए दवाई लिखने और सुझाव देने का आयुर्वेद चिकित्सकों को अधिकार दिया है। इसके साथ ही सीएम ने मर्म चिकित्सा को भी उत्तराखंड में प्रोत्साहन दिए जाने की घोषणा की है। मर्म चिकित्सा से जुड़े रिसर्च भी किए जाएंगे। कहा कि आयुर्वेदिक विश्वविघालय को पुराने वैघ और जानकारों से रिसर्च कर जड़ी बूटियों पर शोध करने के निर्देश भी दिए गए हैं।
इस दौरान आयुष एवं आयुष शिक्षा मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत ने कहा कि उत्तराखण्ड का योग से काफी पुराना संबंध है। हिमालय में ऋषि—मुनियों द्वारा कन्दराओं एवं गुफाओं में प्राचीन समय से योग किया जाता था। उत्तराखण्ड की भूमि से निकलकर योग देश और दुनिया तक फैल चुका है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी ने वसुधैव कुटुम्बकम की बात की और योग को वैश्विक स्तर पर पहचान दिलाई। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड वासी सौभाग्यशाली हैं कि यह योग भूमि होने के साथ ही हम शुद्ध पर्यावरण के बीच रह रहे हैं। चरक डाण्डा में आयुर्वेदिक शोध संस्थान बनाया जा रहा है। संवाददाता
डॉ रावत के अनुसार, कुमाऊं मंडल विकास निगम और गढ़वाल मंडल विकास निगम सहित अन्य पर्यटन केंद्रों पर पंचकर्म एवं योग सेंटर बनाए जाएंगे। डॉ. रावत ने कहा कि राज्य में 50 वेलनेस और योगा सेंटर स्थापित किये जायेंगे। उन्होंने कहा कि आयुर्वेद विश्वविघालय में योग का डिग्री कोर्स भी शुरू किया जाएगा। आयुर्वेद विश्वविघालय में एक ऑडिटोरियम स्थापित किया जाएगा तथा कोटद्वार के कण्वाश्रम क्षेत्र में चरेख डांडा में अंतरराष्ट्रीय आयुर्वेद शोध संस्थान स्थापित किया जाएगा।
इस अवसर पर सचिव आयुष चन्द्रेश यादव, कुलपति उत्तराखण्ड आयुर्वेदिक विश्व विघालय प्रो. सुनील कुमार, निदेशक आयुर्वेदिक एवं यूनानी सेवाएं डॉ. एम. पी. सिंह, जिलाधिकारी देहरादून डॉ. आशीष कुमार श्रीवास्तव आदि उपस्थित थे।