नई दिल्ली/देहरादून। केंद्रीय विघालयों में अब सिर्फ सांसद ही करा सकेंगे दाखिला बाकी किसी भी मंत्री—संतरी की सिफारिश नहीं चलेगी। केंद्र सरकार द्वारा शिक्षा मंत्रालय का कोटा अब समाप्त कर दिया गया है।
केंद्रीय विघालयों में दाखिले के लिए इधर—उधर से सिफारिश लगाने वाले अब अपने बच्चों का दाखिला नहीं करा सकेंगे। केंद्र सरकार द्वारा अब शिक्षा मंत्रालय का कोटा समाप्त कर दिया गया है। केंद्रीय विघालय में अब सिर्फ लोकसभा और राज्यसभा के सांसद ही अपने क्षेत्र में आने वाले स्कूलों में 10—10 बच्चों के एडमिशन के लिए शिक्षा मंत्रालय में सिफारशी पत्र भेजकर दाखिला करा सकेंगे। केंद्र सरकार ने शिक्षा मंत्रालय का 450 एडमिशन कोटे को समाप्त कर दिया गया है।
उल्लेखनीय है कि अब तक तमाम क्षेत्रीय विधायक और नेता तथा मंत्री और सांसदों द्वारा केंद्रीय विघालयों में दाखिले के लिए सिफारशी पत्र लिखकर स्कूल प्रबंधकों पर दबाव बनाया जाता था तथा किसी हद तक नेताओं का यह दबाव कारगर भी रहता था। लेकिन अब केंद्र सरकार द्वारा जहां केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय का जिसका कोटा 450 एडमिशन का था, को भी समाप्त कर दिया गया है। वही यह साफ कर दिया गया है कि केंद्रीय विघालयों में क्षेत्रीय सांसद ही 10 बच्चों के एडमिशन करा सकेंगे। कई बार यह भी देखा जाता है था कि सांसद अपने कोटे से अधिक बच्चों के एडमिशन की सिफारिश करते थे। जिसे शिक्षा मंत्रालय के कोटे से समायोजित कराने के प्रयास होते थे। सरकार ने अब शिक्षा मंत्रालय का यह 450 दाखिलों का कोटा समाप्त कर दिया गया है। सिर्फ राज्यसभा और लोकसभा सांसद ही 10 बच्चों के दाखिले करा सकेंगे। अन्य किसी की भी सिफारिश से दाखिले नहीं होंगे।
यहां यह भी उल्लेखनीय है कि 2016—2017 से पूर्व सांसदों का यह कोटा छह सीट का ही था। जिसे 2016—17 में बढ़ाकर 10 सीट किया गया था। अब केंद्र सरकार ने शिक्षा मंत्रालय सहित अन्य सभी कोठे समाप्त कर दिए हैं। सिर्फ लोकसभा और राज्यसभा सांसदों के पास ही 10 10 सीटों पर दाखिले का कोटा शेष बचा है।