October 14, 2024राज्य में फिल्मांकन के लिए बहुत अच्छा वातावरण है: परेश रावल देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से मुख्यमंत्री कैम्प कार्यालय में सुप्रसिद्ध फ़िल्म अभिनेता परेश रावल ने भेंट की। उन्होंने उत्तराखण्ड के देहरादून, ऋषिकेश और मसूरी में अनंत नारायण महादेवन निर्देशित बॉलीवुड फ़िल्म “पास्ट टेंस” की शूटिंग की है। उन्होंने कहा कि वे पिछले 42 दिनों से उत्तराखण्ड में फिल्म की शूटिंग कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि राज्य में फिल्मांकन के लिए बहुत अच्छा वातावरण है। जनता के साथ ही सरकारी विभागों से फिल्मों की शूटिंग के लिए पूरा सहयोग मिला। शूटिंग के लिए राज्य में बहुत शांत वातावरण है। उत्तराखण्ड के लोग भी बहुत सकारात्मक विचारधारा के हैं। उन्होंने कहा कि वे उत्तराखण्ड में एक और फिल्म की शूटिंग कर रहे हैं।मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि उत्तराखण्ड में फिल्मों की शूटिंग के लिए अनेक डेस्टिनेशन है। उत्तराखण्ड के पर्वतीय क्षेत्रों में प्राकृतिक सौन्दर्यता से जुड़े अनेक स्थल है। राज्य का हर डेस्टिनेशन फिल्मांकन के लिए उपयुक्त है। आदि कैलाश, चकराता, माणा जैसे अनेक स्थल उत्तराखण्ड में हैं। राज्य में उत्तराखण्ड फिल्म नीति-2024 बनाई गई है। हिन्दी एवं संविधान की 8वीं अनुसूची में शामिल भाषाओं की फिल्मों को अनुदान राशि राज्य में व्यय कुल धनराशि का 30 प्रतिशत या अधिकतम 03 करोड़ का अनुदान दिया जा रहा है। विदेशी फिल्मों और 50 करोड़ से अधिक बजट की फिल्मों पर राज्य में व्यय राशि का 30 प्रतिशत या अधिकतम 03 करोड़ तक का अनुदान दिया जा रहा है। राज्य की क्षेत्रीय भाषाओं की फिल्मों को राज्य में व्यय राशि का अधिकतम 02 करोड़ रूपये तक का अनुदान दिया जा रहा है। राज्य में फिल्मों की शूटिंग के लिए सिंगल विंडो सिस्टम से अनुमति प्रदान की जा रही है।इस अवसर पर फिल्म निर्देशक अनंत नारायण महादेवन, फिल्म प्रोड्यूसर अनूप पोड्डर, एश्वर्या मेशराम, शिवम यादव, कार्तिके यादव, डॉ. अंजलि नौरियाल सतीश शर्मा, संयुक्त निदेशक सूचना एवं उत्तराखण्ड फिल्म विकास परिषद के संयुक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ. नितिन उपाध्याय उपस्थित थे।
October 14, 2024देहरादून।मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सोमवार को हिमालयन सांस्कृतिक केन्द्र, नींबूवाला, गढ़ी कैण्ट में “विश्व मानक दिवस“ के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में प्रतिभाग किया। इस अवसर पर उन्होंने विभिन्न प्रदर्शनियों का अवलोकन भी किया।मुख्यमंत्री ने कहा कि यह हर्ष का विषय है कि आज हम एक ऐसे महत्वपूर्ण विषय पर चर्चा कर रहे हैं, जो हमारे आत्मनिर्भर भारत के संकल्प को सशक्त बनाने के साथ-साथ भारतीय उत्पादों को वैश्विक मानचित्र पर शीर्ष स्थान प्रदान कराने हेतु अत्यंत महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि कोई भी मानक केवल तकनीकी दिशा-निर्देश या मापदंड नहीं होते, बल्कि वे हमारे देश के विकास और आत्म निर्भरता की बुनियाद होते हैं। भारतीय मानक ब्यूरो द्वारा स्थापित मानक हमारे उद्योगों, व्यापार और सेवाओं के प्रमाणीकरण की दिशा में अत्यंत महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। ये न केवल हमारे कार्यों की गुणवत्ता को सुनिश्चित करते हैं, बल्कि देश के प्रत्येक नागरिक के जीवन को भी किसी न किसी रूप में प्रभावित करते हैं।मुख्यमंत्री ने कहा कि हाल के वर्षों में मानकों के इकोसिस्टम का व्यापक विस्तार हुआ है, जो अब कृषि, सड़क परिवहन, स्वास्थ्य और अन्य सेवाओं सहित लगभग सभी क्षेत्रों को समाहित करता है। सभी क्षेत्रों में उच्च गुणवत्ता, सुरक्षा और दक्षता के मानक लागू हों, जिससे हमारे जीवनस्तर में सुधार हो और अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिल सके। मानक ये सुनिश्चित करते हैं कि भारतीय उत्पादों को वैश्विक स्तर पर मान्यता मिल सके और उनकी विश्वसनीयता बढ़े।मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में “आत्मनिर्भर भारत“ का सपना साकार हो रहा है और इसमें भारतीय मानक ब्यूरो द्वारा स्थापित मानकों की भूमिका भी अत्यंत महत्वपूर्ण है। जब हम अपने उत्पादों को वैश्विक मानकों के अनुरूप तैयार करते हैं, तो हम न केवल उनकी गुणवत्ता को बढ़ाते हैं, बल्कि अपने उद्योगों को अंतरराष्ट्रीय बाजार में प्रतिस्पर्धी बनाने के लिए भी सशक्त आधार प्रदान करते हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री का उद्देश्य है कि भारतीय उत्पाद अपनी गुणवत्ता, नवाचार और विश्वसनीयता के लिए पूरे विश्व में एक मिसाल स्थापित करें। इसी उद्देश्य को पूरा करने के लिए भारतीय मानक ब्यूरो द्वारा 22 हजार से अधिक मानक निर्धारित किए गए हैं।मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड प्राकृतिक संसाधनों से समृद्ध एक सुंदर प्रदेश होने के साथ-साथ औद्योगिक और कृषि विकास में भी तेजी से आगे बढ़ रहा है। इसलिए हमारे राज्य में मानकों का पालन करने की अत्यधिक आवश्यकता है। राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय बाजार में प्रतिस्पर्धा सुनिश्चित करने के लिए महत्वपूर्ण है कि हम अपने पारंपरिक उत्पादों, जैसे हस्तशिल्प, जैविक कृषि उत्पाद, औषधीय जड़ी-बूटियाँ और अन्य स्थानीय उत्पादों के लिए भी उच्च मानक स्थापित करें। इससे हमारे उत्पादों की पहचान न केवल राष्ट्रीय स्तर पर बढ़ेगी बल्कि वैश्विक स्तर पर भी हमारी ब्रांडिंग मजबूत होगी।मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में राज्य सरकार ने “हाउस ऑफ हिमालयाज“ नाम से अम्ब्रेला ब्रांड की स्थापना की है, जो हमारे स्थानीय उत्पादों को विश्वस्तरीय पहचान दिलाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। उन्होंने भारतीय मानक ब्यूरो के अधिकारियों से अपेक्षा की कि इन ब्रांड के मानकों का भी मापन हो। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस वर्ष के विश्व मानक दिवस की थीम एसडीजी-9 है, जो उद्योग, नवाचार और बुनियादी ढांचे से संबंधित है।मुख्यमंत्री ने कहा राज्य के विभिन्न विभागों पीडब्ल्यूडी, एमडीडीए, यूपीसीएल और आपदा प्रबंधन विभाग के साथ समन्वय करते हुए, भारतीय मानक ब्यूरो ने इन सभी को मानकीकरण की दिशा में जागरूक और सशक्त किया है। यह पहल इन विभागों के कार्यों की गुणवत्ता और प्रभावशीलता को बढ़ाने में कारगर सिद्ध होगी। भारतीय मानक ब्यूरो ने देशभर के दस हजार से अधिक स्कूलों में स्टैंडर्ड क्लब स्थापित किए हैं, जिनके माध्यम से बच्चों में मानकों के प्रति जागरूकता फैलाई जा रही है। उन्होंने ग्राम पंचायत स्तर तक मानकों के महत्व को पंहुचाने के लिए भारतीय मानक ब्यूरो के प्रयासों की सराहना की।कैबिनेट मंत्री श्रीमती रेखा आर्या ने कहा कि जीवन के किसी भी कार्यक्षेत्र में सफलता पाने के लिए जीवन में मानक बनाने जरूरी हैं। इसी तरह भारतीय मानक ब्यूरो भी विभिन्नि वस्तुओं और उत्पादों के मानकों का निर्धारण करता है। उन्होंने कहा कि भारतीय मानक ब्यूरो का मानकों के निर्धारण का महत्वपूर्ण कार्य है।इस अवसर पर सचिव एवं आयुक्त खाद्य श्री हरि चन्द्र सेमवाल, महानिदेशक यू कॉस्ट प्रो. दुर्गेश पंत एवं संयुक्त निदेशक भारतीय मानक ब्यूरो श्री श्याम कुमार उपस्थित थे।
October 14, 2024पिथौरागढ़। केबल चोरी मामले का खुलासा करते हुए पुलिस ने 6 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। जिनके पास से चुरायी गयी केबल भी बरामद हुई है।जानकारी के अनुसार बीते 9 अक्टूबर को पिथौरागढ़ जनपद के थाना जाजरदेवल क्षेत्र के अंतर्गत पावरग्रिड के वरिष्ठ उपमहाप्रबंधक के.वी. सिंह द्वारा थाना जाजरदेवल में एक सूचना दर्ज कराई गई। इस सूचना के अनुसार, ग्राम मढ़ के बीच से 220 के.वी. अतिरिक्त केबल की लगभग 12 मीटर लंबाई अज्ञात व्यक्तियों द्वारा काटकर चोरी कर ली गई थी।सूचना पर तत्काल मुकदमा दर्ज कर पुलिस ने चोरों की तलाश शुरू कर दी गयी जिन्हे कड़ी मशक्कत के बाद पुलिस ने देर रात गिरफ्कर लिया है। जिनके पास से चोरी किया गया केबल बरामद किया गया है। पूछताछ में उन्होने अपना नाम पंकज खड़ायत पुत्र दीपक खड़ायत, निवासी ग्राम मड़, थाना जाजरदेवल, विक्रम रावत पुत्र दीपक रावत, निवासी ग्राम मड़, थाना जाजरदेवल, सौरभ खड़ायत पुत्र श्याम सिंह खड़ायत, निवासी ग्राम मड़, थाना जाजरदेवल, पंकज रावत पुत्र स्व. उमेद सिंह, निवासी ग्राम मड़, थाना जाजरदेवल, कमल बोहरा पुत्र पूरन सिंह, निवासी बोहरागांव (बलकोट), पिथौरागढ़ व वाकिर अली पुत्र हसन खान, निवासी खान कॉलोनी, लिन्ठ्यूड़ा, पिथौरागढ़ बताया। पुलिस ने उन्हे न्यायालय में पेश कर जेल भेज दिया है।
October 14, 2024महिलाओं को आत्मनिर्भर बनने का मिल रहा है अवसर देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का कहना है कि हमारे प्रदेश की महिलाओं द्वारा गृह एवं कुटीर उघोगों में जो उत्पाद बनाए जाते हैं वह किसी मल्टीनेशनल कंपनी के उत्पादों से भी अधिक बेहतर क्वालिटी के होते हैं।सीएम धामी ने यह बात आज विश्व मानक दिवस पर आयोजित कार्यक्रम के दौरान कही। उन्होंने कहा कि स्वयं सहायता समूहों के जरिए उत्तराखंड की महिलाओं द्वारा जो उत्पाद निर्माण किए जाते हैं वह किसी भी स्तर पर क्वालिटी के मामले में अत्यंत ही श्रेष्ठ होते हैं। उन्होंने कहा कि इन उत्पादों की क्वालिटी ही बेहतर नहीं होती है इनके निर्माण में इनकी शुद्धता पर विशेष ध्यान दिया जाता है। हजारों मां—बहनों द्वारा उनकी गुणवत्ता के साथ इतनी बेहतरीन पैकेजिंग का काम किया जाता है कि वह किसी भी मल्टीनेशनल कंपनी के उत्पादों से कम नहीं होते हैं।उन्होंने कहा कि स्वयं सहायता समूहों में काम करने वाली हमारी मां—बहनों ने अपनी मेहनत के दम पर न सिर्फ स्वयं को स्वावलंबी और आत्मनिर्भर बनाया है अपितु उनके योगदान से राज्य के विकास को भी आगे बढ़ाने में मदद मिल रही है। उन्होंने कहा कि पहाड़ में न जाने कितने ऐसे उत्पाद हैं जिनका पहले कोई उपयोग नहीं हो पाता था लेकिन अब स्थानीय उत्पादों ने अपनी अलग पहचान बनाई हुई है तथा देश—विदेश में इन उत्पादों की मांग भी तेजी से बढ़ रही है। जो पहाड़ की अर्थव्यवस्था को मजबूती प्रदान करने में सहायक सिद्ध हो रही है। वोकल फार लोकल से विकास के नए रास्ते तैयार हो रहे हैं।
October 14, 2024ड्राइवर की सूझबूझ से टला हादसा राज्य में इस तरह की तीसरी घटना खटीमा। इन दिनों जहां एक तरफ रेल हादसों की बाढ़ सी आई हुई है वहीं दूसरी तरफ रेलवे ट्रैक पर रसोई गैस सिलेंडरों और अन्य ऐसे सामान रखकर जिससे ट्रेन दुर्घटनाओं को अंजाम दिया जा सकता है, के मिलने की दर्जनों घटनाएं बीते कुछ दिनों में सामने आई है जो किसी षड्यंत्र की ओर इशारा करने वाली है। इस तरह की एक घटना बीती रात उत्तराखंड के खटीमा—बनबसा रेलवे ट्रैक में भी सामने आई है। हालांकि ट्रेन के ड्राइवर की सूझबूझ से बड़े हादसे को टाल दिया गया।प्राप्त जानकारी के अनुसार आज सुबह ट्रेन के ड्राइवर को रेलवे की पटरी पर कुछ रखा होने का आभास हुआ तो उसने ब्रेक लगाकर ट्रेन को रोक दिया। पास जाकर जब देखा गया तो पटरी पर एक मोटा केबल तार रखा मिला जिसकी सूचना रेलवे स्टेशन और रेल अधिकारियों को दी गई। केबल को हटाकर ट्रेन को 15 मिनट बाद रवाना किया गया। इस मामले की रिपोर्ट थाने में अज्ञात लोगों के नाम दर्ज कर ली गई है। रेलवे पुलिस अब इसकी जांच में जुटी हुई है। मामला भारत नेपाल सीमा के नजदीक का है इसलिए इसे आतंकी गतिविधियों से जोड़कर भी देखा जा रहा है।उत्तराखंड में यह तीसरा ऐसा मामला सामने आया है इससे पहले रुड़की के लैंढ़ोरा व ढंडेरा रेलवे स्टेशन के बीच ट्रैक पर 5 केजी वाला छोटा रसोई गैस सिलेंडर रखा मिला था इससे पूर्व रुद्रपुर रामनगर रेलवे ट्रैक पर एक बिजली का पोल रखा हुआ मिला था। जिस मामले में पुलिस ने दो नशेड़ी युवकों को गिरफ्तार किया गया था। यह अलग बात है कि अब तक की इन सभी घटनाओं से रेलवे या यात्रियों को कोई नुकसान नहीं पहुंचा है लेकिन लगातार सामने आ रही यह घटनाएं किसी बड़े षड्यंत्र की ओर इशारा जरूर करती हैं।
October 14, 2024देहरादून। मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूडी ने सभी जिलाधिकारियों को डम्पिंग जोन के लिए भूमि तलाशने के लिए एक सप्ताह का समय दिया।आज यहां मानसून के दौरान हुए भूस्खलन या राष्ट्रीय राजमार्गाे के निर्माण के दौरान उत्सर्जित मलबे के सुव्यवस्थित निस्तारण हेतु मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी ने सभी जिलाधिकारियों को डम्पिंग स्थलों हेतु भूमि चिहिन्त कर प्रस्ताव शासन को भेजने हेतु एक सप्ताह की समयसीमा दी है। मुख्य सचिव ने जिलाधिकारियों को डम्पिंग स्थलों हेतु राष्ट्रीय राजमार्गों पर प्राथमिकता से राजस्व भूमि चिहिन्त करने तथा राजस्व भूमि की अनुपलब्धता की दशा में वन भूमि को चिहिन्त करने के निर्देश दिए हैं। सीएस श्रीमती रतूड़ी ने डम्पिंग से सम्बन्धित एजेंसियों को निर्धारित मक डम्पिंग जोन में ही मलबे के निस्तारण के नियमों को सख्ती से पालन के निर्देश दिए हैं। उन्होंने नियमों की अवहेलना करने वाली एजेंसियों के खिलाफ कड़ी कार्यवाही के निर्देश दिए हैं। मुख्य सचिव ने लोक निर्माण विभाग, बीआरओ तथा एनएचआईडीसीएल के अधीन विभिन्न राष्ट्रीय राजमार्गाे में निर्माण के दौरान उत्सर्जित मलबे के निस्तारण हेतु पूर्व में चिन्हित मक डम्पिंग जोन के संतृप्त होने की दशा में उनके विस्तार की संभावनाओं के अध्ययन के निर्देश दिए हैं। उन्होंने संतृप्त डम्पिंग जोन को कम्प्रेस करने की संभावनाओं पर कार्य करने निर्देश दिए हैं। बैठक में सचिव पंकज कुमार पाण्डेय सहित लोक निर्माण विभाग, बीआरओ, एनएचआईडीसीएल एवं अन्य सम्बन्धित विभागों के अधिकारी तथा जिलाधिकारी रूद्रप्रयाग, चमोली, उत्तरकाशी, पिथौरागढ़, टिहरी मौजूद रहे।