देहरादून। कोविड—19 के चलते इस बार भी बीते वर्ष की तरह ईद—उल—अजहा दून में सादगी के साथ मनायी गयी। कोविड गाइडलाइन के अनुसार इस बार भी प्रशासन द्वारा ईदगाह सहित सभी मस्जिदों में सामूहिक नमाज नहीं अता के निर्देश जारी किये गये थे। जिसका मुस्लिम समुदाय द्वारा बखूबी पालन किया गया, और ईद सादगी के साथ अपने—अपने घरों में मनाई गयी।
राजधानी देहरादून में कोरोनाकाल के चलतें इस बार भी बीते वर्ष की तरह ईद—उल—अजहा आज मुस्लिम समुदाय द्वारा सादगी के साथ अपने—अपने घरों में मनायी गयी है। कोविड गाइडलाइन के चलते आज ईदगाह सहित सभी मस्जिदों में सामूहिक नमाज नहीं अता की गई।
प्रशासन द्वारा बीते रोज ही लोगों से घरों पर ही रहकर ईद का त्योहार मनाने को कहा गया था। चकराता रोड स्थित ईदगाह में नमाज का समय सुबह आठ बजे था। जिसमें सीमित संख्या में ही लोगों को नमाज अता करने की अनुमति दी गयी। साथ ही नमाज के दौरान प्रशासन की ओर से शारीरिक दूरी रखने के निर्देश दिये गये थे। जिसका नमाजियों द्वारा बखूबी पालन किया गया।
कुर्बानी के त्योहार ईद—उल—अजहा (बकरीद) इस्लामिक कैलेंडर के अनुसार 12वें महीने जिल हिज्जा में चांद दिखने के 10वें दिन मनाई जाती है। इस बार कोरोनाकाल को देखते हुए उलेमाओं द्वारा सभी से कोविड प्रोटोकाल का पालन करते हुए बकरीद मनाने की अपील की गयी थी। काजी मौलाना मोहम्मद अहमद कासमी ने कहा कि कुर्बानी के इस दिन गरीबों को दान दें और जरूरतमंदों की मदद करें। मस्जिदों में शारीरिक दूरी का विशेष ख्याल रखें। जो लोग बीमार हैं, वह घर में ही नमाज अदा करें। साफ—सफाई का विशेष ख्याल रखें।
बकरीद को लेकर शहर में खरीदारी की चहल पहल पिछले कई दिनों से रही। कपड़े से लेकर खाने—पीने की वस्तु की दुकानों में लोगों का खासा उत्साह देखने को मिला। वहीं, ईद किस तरह और कैसे मनाएं, इसको लेकर उलेमा इंटरनेट मीडिया के माध्यम से भी लगातार अपील की गयीं। इस बार भी ईद की मुबारकबाद के दौरान गले मिलने से परहेज किया गया है।