यूनिफॉर्म सिविल कोड के मसौदे पर माथापच्ची जारी

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उत्तराखंड भवन दिल्ली में समिति की दूसरी बैठक
सिविल कोड कानूनी मसौदे पर किया गया विचार विमर्श

नई दिल्ली। उत्तराखंड सरकार राज्य में यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू करने की दिशा में एक—एक कदम आगे बढ़ रही है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा गठित की गई 5 सदस्यीय समिति की आज दूसरी बैठक नई दिल्ली स्थित उत्तराखंड सदन में हुई। हाईकोर्ट की रिटायर चीफ जस्टिस रंजना देसाई की अध्यक्षता में आज भी इस बैठक में इस बिल के कानूनी मसौदे पर लंबी चर्चा की गई। समिति की यह दूसरी बैठक है इससे पहले 4 जुलाई को बैठक हुई थी।
2 घंटे तक चली इस बैठक में आज समिति के सदस्यों द्वारा इस बिल के कानून के फ्रेम वर्क पर चर्चा की गई। सभी सदस्यों की आम राय यह थी कि इस बिल के कानूनी प्रावधान ऐसे हो जिन्हें लेकर किसी भी व्यक्ति या समुदाय विशेष को यह नहीं लगना चाहिए कि इसके माध्यम से उसे टारगेट किया गया है। सभी सदस्यों द्वारा इस बात पर भी सहमति जताई गई है कि कानूनी प्रारूप तय करने से पहले सभी धर्मों के धर्माचार्यो और राजनीतिक दलों के प्रमुख नेताओं से भी उनकी राय ली जाए जिससे बिल के मसौदे को लेकर किसी को बाद में कोई आपत्ति न हो और संशोधन की संभावनाओं को कम किया जा सके।
उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने विधानसभा चुनाव 2022 के दौरान मार्च माह में राज्य में जनसंख्या असंतुलन की बात कहते हुए राज्य में यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू करने की बात कही थी। चुनावी दौर में कही गई इस बात या घोषणा को तब लोगों ने एक चुनावी शगुफा ही समझा था लेकिन दोबारा मुख्यमंत्री बनने के बाद उन्होंने अपनी पहली ही कैबिनेट बैठक में इसका प्रस्ताव लाकर काम शुरू कर दिया था। यूनिफॉर्म सिविल कोड का प्रारूप क्या हो? इसके लिए उन्होंने 5 सदस्यीय समिति का गठन कर दिया है जो 6 माह में सरकार को अपनी रिपोर्ट सौंपेगी। मुख्यमंत्री धामी अब तक कई बार यूसीसी के अपने वायदे के प्रति संकल्पबद्धता को दोहरा चुके हैं। आज दिल्ली में हुई समिति की बैठक में रंजना प्रकाश देसाई, शत्रुघन सिंह, प्रमोद कोहली सुरेक्षा डंगवाल सहित सभी पांचों सदस्य मौजूद रहे।

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