यूक्रेन में फंसे लोगों के लिए नई एडवाइजरी जारी

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तुरंत भरे गूगल फॉर्मः दूतावास
सूगी में फंसे छात्रों को निकालने के प्रयास तेज

नई दिल्ली/देहरादून। रूस और यूक्रेन के बीच छिड़े भीषण युद्ध के दौरान यूक्रेन में फंसे भारतीयों की सुरक्षित वापसी को लेकर सरकार की ओर से प्रयास और तेज कर दिए गए हैं। यूक्रेन स्थित भारतीय दूतावास द्वारा आज यहां फंसे भारतीय छात्रों और नागरिकों के लिए नई एडवाइजरी जारी करते हुए इन सभी से तत्काल गूगल फार्म भरने को कहा गया है।
भारत सरकार का दावा है कि अब तक यूक्रेन में फंसे 20 हजार के लगभग छात्र व नागरिक यूक्रेन छोड़ चुके हैं तथा 13 हजार लोगों को मिशन गंगा के तहत वापस लाया जा चुका है। वहीं बीते कल 15 उड़ानों के जरिए 2900 लोगों को वापस लाने की बात कही गई है तथा आज भी 13 उड़ानों के जरिए देर रात तक 2200 लोगों को लाये जाने की बात कही जा रही है। लेकिन यूक्रेन से मिल रही खबरों के अनुसार अभी लगभग 700 छात्र सूगी शहर में फंसे हुए हैं तथा अन्य कई शहरों में भी कुछ लोगों के फंसे होने की बात कही गई है। सरकार का दावा है कि कीव व खारकीव में अब कोई भी भारतीय नहीं बचा है सभी वहां से निकल चुके हैं।
अभी कुल और कितने भारतीय यूक्रेन में फंसे हुए हैं इसकी कोई निश्चित संख्या की जानकारी नहीं है, लेकिन अभी यूक्रेन के कुछ शहरों में लोग फंसे हुए हैं। जिनकी संख्या एक हजार से अधिक हो सकती है। इन्हें निकालना अब इसलिए मुश्किल हो रहा है क्योंकि 11वें दिन युद्ध भीषण गोलाबारी व मिसाइल हमलों के कारण खतरनाक दौर में पहुंच चुका है।
यूक्रेन में फंसे लोगों को सुरक्षित वापस लाया जा सके इसके लिए भारत सरकार ने यूक्रेन और रूस से सीजफायर की अपील की है वहीं इस बीच भारतीय दूतावास द्वारा इन नागरिकों के लिए एक गूगल फार्म तत्काल भरने को कहा गया है जिससे इनकी सही जानकारी व संख्या क्या है? तथा उनकी लोकेशन क्या है और उनके हालात क्या हैं? आदि की जानकारी मिल सके। जिसे यूक्रेन और रूस सरकार को अवगत कराया जा सके तथा उनकी वापसी का रास्ता निकाला जा सके। जहां तक उत्तराखंड की बात है तो अब तक 148 छात्र वापस अपने घर पहुंच चुके हैं तथा कुछ छात्रों के यूक्रेन से बाहर निकल आने और रास्ते में होने की बात कही जा रही है। लेकिन इसके साथ ही 50 के लगभग छात्रों के अभी यूक्रेन में फंसे होने की संभावना है। जैसे—जैसे समय बीत रहा है छात्रों की सुरक्षा को लेकर उनके परिजनों की चिंता भी बढ़ती जा रही है।

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