अस्पताल में न डॉक्टर, न दवा, जनता में भारी आक्रोश

0
515

  • मोबाइल की रोशनी में घायलों का इलाज
  • मजबूरी में श्रीनगर रेफर किए गए घायल
  • स्वास्थ्य मंत्री व विधायक को सुनाई खरी—खरी

पौड़ी। पौड़ी बस हादसे के घायलों को जिला अस्पताल में इलाज न मिलने और तमाम अव्यवस्थाओं का सामना करने से स्थानीय जनता का आक्रोश फूट पड़ा। लोगों ने जहां अस्पताल प्रशासन को आड़े हाथों लिया, वहीं स्वास्थ्य मंत्री धन सिंह दावत तथा क्षेत्रीय विधायक पर जनता ने जमकर अपना गुस्सा निकाला।
पहरा बीती रात पौड़ी में एक बस 1500 मीटर गहरी खाई में जा गिरी। जिसमें 6 लोगों की दर्दनाक मौत हो गई वहीं दुर्घटना में 22 लोग घायल हो गए। स्थानीय लोगों ने पुलिस प्रशासन और एसडीआरएफ की मदद से दुर्घटना के घायलों को किसी तरह खाई से निकाला और पौड़ी जिला अस्पताल पहुंचाया लेकिन इन घायलों को जिला अस्पताल में समुचित इलाज नहीं मिल सका। अस्पताल में न तो कोई विशेषज्ञ डॉक्टर मिला और न ही इलाज मिल सका।
यहां तक कि जब इन घायलों को अस्पताल लाया गया तो अस्पताल में बिजली तक नहीं थी। अस्पताल का जनरेटर भी खराब मिला, ऐसी स्थिति में अस्पताल के सहायक कर्मियों ने मोबाइल फोन की रोशनी में इन घायलों का इलाज शुरू किया और वह घायलों की नसें तलाशने का काम भी मोबाइल की रोशनी में करने लगे। यही नहीं अस्पताल में मरहम पटृी की प्रयाप्त व्यवस्था न होने के कारण लोगों को बाहर मेडिकल स्टोरों से दवायें व पट्टी खरीद कर लानी पड़ी। घायलों को इलाज न मिलता देख लोग भड़क उठे तो इन घायलों को श्रीनगर बेस अस्पताल रेफर किया गया। एक तरफ आपदा के समय कम से कम समय पर सहायता देने की बात कही जाती है वहीं दूसरी तरफ स्वास्थ्य सेवाओं की ऐसी जमीनी हकीकत जब देखने को मिलती है तो लोगों का आक्रोश उठना स्वाभाविक है।
इस हादसे में 6 लोगों की जान चली गई तथा कुछ जिंदगी और मौत के बीच झूल रहे हैं। अस्पताल में अव्यवस्थाओं को लेकर क्षेत्र की जनता ने अस्पताल में भारी हंगामा किया तथा स्वास्थ्य मंत्री और क्षेत्रीय विधायक को खूब खरी—खोटी सुनाई। हादसे की खबर मिलने पर सीएम धामी व स्वास्थ्य मंत्री ने अपनी संवेदनाओं में केदार बाबा से घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की है। ऐसा लगता है कि सूबे की जनता और पर्यटकों की सुरक्षा का पूरा जिम्मा सरकार ने बद्री विशाल और केदार बाबा पर ही छोड़ दिया है। जो मरता है मरे सरकार को कोई सरोकार नहीं है। राज्य की स्वास्थ्य सेवाओं की जमीनीं हकीकत क्या है पौड़ी जिला अस्पताल की घटना तो इसकी एक बानगी भर है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here