- संविधान को अपनी सुविधानुकूल बनाने का आरोप
- प्रेमचंद अग्रवाल बोले 10 नवंबर तक होंगे चुनाव
देहरादून। उत्तराखंड में निकाय चुनाव नवंबर में होंगे या नहीं होंगे यह तो आने वाला समय ही बताएगा लेकिन पूर्व सीएम हरीश रावत ने एक बार फिर भाजपा सरकार पर निकाय चुनावों को लंबे समय तक टालने का आरोप लगाते हुए कहा है कि अगर सरकार की मंशा चुनाव कराने की होती तो प्रवर समिति का गठन कर आरक्षण के मुद्दे को नहीं अटकाती।
हरीश रावत का आरोप है कि भाजपा निकाय चुनावों को लंबे समय तक लंबित रखना चाहती है। निकायों में प्रशासकों की नियुक्ति से पहले भी भाजपा के नेता समय पर निकाय चुनाव कराते रहे हैं। अब प्रशासकों की नियुक्ति के बाद उनकी समय सीमा को बार—बार बढ़ाया जा रहा है। कभी मतदाता सूचियों में संशोधन तो कभी आरक्षण के मुद्दे पर अंड़गा डाला जाता है। प्रवर समिति क्या करेगी? कब करेगी इसकी कोई जवाब नहीं है। उन्होंने साफ कहा कि भाजपा निकाय चुनाव को अनिश्चितकाल तक लंबित रखना चाहती है। उनसे जब पूछा गया कि यह एक संवैधानिक व्यवस्था है चुनाव तो कराने ही पड़ेंगे फिर लंबित रखने के पीछे क्या कारण हैं। तो उन्होंने कहा कि भाजपा संवैधानिक व्यवस्था को अपने अनुकूल बनाने और चलाने में निपुण है वह संविधान के हिसाब से नहीं चलती उसकी कोशिश तो संविधान को अपने अनुकूल चलाने की रहती है।
हरीश रावत के बयान पर संसदीय कार्य मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल का कहना है कि कांग्रेसी नेता क्या कहते या सोचते हैं यह उनकी अपनी सोच है सरकार की तरफ से चुनाव को टालने का कोई प्रयास नहीं किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि 10 नवंबर तक निकाय के चुनाव करा लिए जाएंगे तब तक सब कुछ साफ हो जाएगा। सभी मुद्दों का समाधान कर लिया जाएगा।