नैनीताल। कारोबारी प्रेमी की हत्या में फरार चल रही मास्टर माइंड प्रेमिका को पुलिस ने उसके साथी सहित गिरफ्तार कर लिया है। प्रेमी की हत्या प्रेमिका ने कोबरा से डसवा कर करवायी थी। इस हत्याकांड में पुलिस एक सपेरे को पूर्व मेे ही गिरफ्तार कर चुकी है जबकि दो लोग अभी भी फरार है। आईजी कुमांऊ नीलेश आनंद भरणे व वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक पंकज भट्ट ने संयुक्त रूप से मामले का खुलासा करते हुए बताया कि कारोबारी अंकित चौहान को कोबरा से डसवाने वाली माही उर्फ डौली को पुलिस ने उसके साथी दीप कांडपाल सहित रूद्रपुर से गिरफ्तार कर लिया है। यह दोनों गुडगांव से हल्द्वानी आत्मसमर्पण करने के लिए आ रहे थे। बताया कि अंकित हत्याकांड के मुख्य आरोपी माही ही है, जिसने इस हत्याकांड की साजिश रची थी, अपने प्रेमी अंकित को सांप से डसवां कर उसकी हत्या करवा दी थी, जिसमें पुलिस ने सबसे पहले रमेश नाथ नाम के सपेरे को गिरफ्तार किया था, लेकिन मुख्य साजिशकर्ता माही और उसका प्रेमी दीप कांडपाल समेत अन्य आरोपी फरार हो गए थे। बताया कि हत्या की यह वारदात 14 जुलाई को शाम छह से रात 10 बजे के बीच हल्द्वानी के शांतिविहार कालोनी गोरापड़ाव में घटित हुई थी। कभी अंकित के प्यार में दीवानी हुई माही उर्फ डौली की अंकित से दुश्मनी हो गई। अंकित को ठिकाने लगाने के लिए उसने अपने नये प्रेमी हल्दूचौड़ निवासी दीप कांडपाल की मदद ली। सपेरे रमेश नाथ से कोबरा सांप मंगवाया, इससे पहले उसने सपेरे से भी शारीरिक संबंध बनाये। 14 जुलाई की रात अंकित को कोबरा से डसवाकर तीनपानी में रेलवे फाटक के पास फेंक दिया गया इसके बाद सभी फरार थे। तीन दिन बाद पुलिस ने सपेरे रमेश नाथ को गिरफ्तार कर सनसनीखेत वारदात का पर्दाफाश किया था। लेकिन माही सहित चार आरोपी फरार थे जिनकी तलाश पुलिस दिल्ली, हरियाणा, नेपाल, बिहार व उत्तराखण्ड के अन्य जिलों में कर रही थी। जिन पर एसएसपी द्वारा 20 हजार व आईजी कुमांऊ द्वारा 50 हजार का ईनाम घोषित किया गया था। पुलिस टीमों की ताबड़तोड़ दबिश व कार्यवाही से दबाब में आये हत्यारोपी माही व उसके प्रेमी ने वकील से सम्पर्क करने की कोशिश की तो वहंा से मिली लीड से दोनो को ए.एन. झां इण्टर कॉलेज के समीप रूद्रपुर से गिरफ्तार किया गया है। माही ने पूछताछ में बताया कि अंकित उसे हर बात पर टोकने लगा तो उसने गुस्से में आकर उसकी हत्या करने की योजना बनाई जिसे उसने अपने प्रेमी दीप काण्डपाल, सपेरा रमेश नाथ, नौकरानी उषा देवी तथा उसके पति के साथ मिलकर अंजाम दिया था।