देहरादून। एसटीएफ ने जेल से फरार पचास हजार के ईनामी हत्यारे को राजस्थान से गिरफ्तार कर लिया है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार एसटीएफ की कुमायूँ यूनिट द्वारा थाना सितारगंज जनपद ऊधमसिंह नगर पुलिस को साथ लेकर देर रात्रि थाना सितारगंज जनपद ऊधमसिंह नगर के 50 हजार के ईनामी हत्यारे जरनैल सिंह पुत्र बंजारा सिंह निवासी ग्राम बिचई नानकमत्ता को सुदूर राजस्थान के फलोदी जनपद से गिरफ्तार किया है, जोकि वर्ष 2023 में सेन्ट्रल जेल सितारगंज से फरार हो गया था।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक नवनीत भुल्लर द्वारा जानकारी देते हुए बताया गया कि एसटीएफ की गठित टीम द्वारा प्राप्त तकनीकी तथा भौतिक सूचनाओं का विश्लेषण करते हुये अपने अथक प्रयास से उक्त अपराधी की पहचान स्थापित की फिर टीम के द्वारा राजस्थान से उसकी गिरफ्तारी की गयी। उन्होंने बताया कि जरनैल सिंह द्वारा अपने साथियों के साथ मिलकर 14 अगस्त 1995 को नानकमत्ता क्षेत्र में मक्खन सिंह नामक एक व्यक्ति की गोलियाँ मारकर हत्या कर दी थी।आरोपी को न्यायालय द्वारा आजीवन कारावास की सजा सुनायी गयी थी तब से वह सितारगंज जेल में आजीवन कारावास की सजा काट रहा था 27 अगस्त 2023 को वह सितारगंज जेल से फरार हो गया। जिसके पकड़े न जाने पर पहले 25 हजार व बाद में 50 हजार का ईनाम घोषित किया गया। बताया कि फरार अपराधी जरनैल सिंह से सम्बन्धित पूर्व में किये गये तकनीकी एवं भौतिक सूचनाओं जैसे अपराधी का फिंगर प्रिन्ट, वाईस सैम्पल व अन्य दस्तावेजो का पुनः बारीकी से विशलेषण किया गया। विशलेषण से प्राप्त नए तथ्यों का डिजीटल एवं भौतिक सत्यापन हेतु टीम को पंजाब व राजस्थान भेजा गया। टीम द्वारा एक संदिग्ध व्यक्ति को चिन्ह्ति किया गया जिसके पास सतपाल सिंह पुत्र गुरचरण सिंह निवासी बार्डर 24 डबलीराठान, हनुमानगढ़ राजस्थान का आधार पहचान पत्र था। अपराधी के चेहरे के मिलान हेतु भी विभिन्न साफ्टवेयर का प्रयोग किया, टीम द्वारा पहचान को स्थापित हो जाने पर आरोपी को े राजस्थान से गिरफ्तार कर सम्बन्धित न्यायालय प्रस्तुत कर ट्रांजिट रिमाण्ड प्राप्त कर आज उत्तराखण्ड लाया गया। जरनैल सिंह ने पूछताछ में एसटीएफ को बताया कि उपरोक्त मुकदमें में आजीवन कारावास की सजा मिलने पर वह सितारगंज जेल में बन्द था। 27 अगस्त 23 को वह मौका पाकर जेल से फरार हो गया और सीधे भागकर पंजाब में अपने परिवार के पास गया और वहाँ से भागकर यहाँ राजस्थान में जोधपुर के पास देचू थाना क्षेत्र में आ गया यहाँ सम्पत नाम के व्यक्ति के घर में रहकर उसके साथ मजदूरी करने लगा यहीँ से उसने सतपाल सिंह पुत्र गुरचरण सिंह के नाम से फर्जी आधार कार्ड बना लिया।





