चारधाम यात्रा मार्ग बंद, हजारों यात्री फंसे
भूस्खलन की घटनाओं से नैनीताल सहमा
गणेश जोशी पहुंचे पीड़ितों से मिलने, चेक बांटे
देहरादून। पहाड़ पर मानसूनी आपदा का कहर जारी है। भारी बारिश और भूस्खलन ने जनजीवन पर ब्रेक लगा दिया है। भूस्खलन की बढ़ती घटनाओं के कारण चारधाम यात्रा मार्ग जगह—जगह बंद हो गए हैं। तथा हजारों की संख्या में यात्री जहां—तहां फंसे हुए हैं। सड़कों पर वाहनों की कतारें लगी है वही आबादी क्षेत्रों में बाढ़ और भूस्खलन का खतरा मंडरा रहा है जिससे लोगों में दहशत का माहौल है।
रुद्रप्रयाग से प्राप्त समाचार के अनुसार नरकोटा के पास पहाड़ से हुए भारी भूस्खलन से हाईवे बंद हो गया है वहीं चमोली—नंदप्रयाग मार्ग भी भूस्खलन के कारण बंद है लामबगड़ में भारी भूस्खलन हुआ है। बद्रीनाथ—केदारनाथ राजमार्ग पर कई स्थानों पर हुए भूस्खलन के कारण फिलहाल चार धाम यात्रा पर पूरी तरह ब्रेक लग गया है। गंगोत्री और यमुनोत्री मार्ग भी भूस्खलन के कारण बंद है।
उधर नैनीताल से प्राप्त समाचार के अनुसार बलिया नाला क्षेत्र में भारी भूस्खलन हुआ है प्रशासन द्वारा कई क्षेत्रों से लोगों को हटा दिया गया है तथा कई क्षेत्रों में लोगों से सुरक्षित स्थानों पर चले जाने के लिए मुनादी कराई जा रही है। क्षेत्र में भूस्खलन के बड़े खतरे के कारण लोग दहशत में है वही पुलिस की चौकसी बढ़ा दी गई है। उधर पिथौरागढ़ के धारचूला क्षेत्र में भी बीते 2 दिन पूर्व हुए भारी भूस्खलन के बाद खतरा अभी टला नहीं है क्योंकि ऊपर हिस्से में कई कई मीटर चौड़ी दरारें पड़ चुकी है और पहाड़ का बड़ा हिस्सा कभी भी दरक कर नीचे गिर सकता है। बचाव राहत में जुटी टीम अभी भी बाधित पड़े पिथौरागढ़ लिपुलेख राष्ट्रीय राजमार्ग को नहीं खोल पाई है। आज बागेश्वर में एक कार के नदी में गिरने से बड़ा हादसा सामने आया जिसमें 3 लोग सवार थे। रेस्क्यू टीम ने 2 लोगों को बाहर निकाल लिया है जबकि तीसरा लापता व्यक्ति का पता नहीं चल सका।
उधर राजधानी दून में सहस्त्रधारा क्षेत्र में बीते कल देर शाम हुए भूस्खलन में 5 घर पूरी तरह तबाह हो गए हैं भले ही इस हादसे में किसी की जान न गई हो लेकिन बड़ा नुकसान हुआ है। काबीना मंत्री गणेश जोशी ने आज मौके पर जाकर लोगों को अनुमन्य सहायता राशि के चेक दिए यहां अभी बचाव राहत कार्य जारी है। उधर रुड़की से प्राप्त समाचार के अनुसार दो युवकों के सोनाली नदी में फंसने की खबर है। जिन्हें किसी तरह रेस्क्यू कर बचा लिया गया है कोटद्वार में नाले के ओवरफ्लो होने से बड़े आबादी क्षेत्र में पानी घुस गया और घर तालाब बन गये।