नई दिल्ली। अमृतपाल केस के दौरान हिरासत में लिए गए 360 आरोपियों में से 348 को पंजाब पुलिस ने छोड़ दिया है। तीन दिन पहले ही अकाल तख्त ने सरकार को चेतावनी देते हुए 24 घंटे के अंदर ‘निर्दोष’ नौजवानों को छोड़ने के लिए कहा था। पंजाब पुलिस की इस कार्रवाई को अकाल तख्त को साधने के लिहाज से बड़ा कदम बताया जा रहा है। पंजाब पुलिस ने जिन 360 आरोपियों को पकड़ा था, इनमें से ज्यादातर को एहतियात के तौर पर हिरासत में लिया गया था।अकाल तख्त ने 27 मार्च को पंजाब सरकार को अल्टीमेटम देते हुए हिरासत में लिए गए ‘निर्दोष’ युवाओं को छोड़ने की बात कही थी। दरअसल, अकाल तख्त ने अमृतसर में 18 मार्च को अमृतपाल सिंह के खिलाफ शुरू हुई पुलिसिया कार्रवाई के बाद एक बैठक बुलाई थी इस बैठक में पंजाब की मौजूदा स्थिति पर चर्चा करने के लिए बुद्धिजीवियों, सिख वकीलों, पत्रकारों, धार्मिक और सामाजिक नेताओं समेत सिख संगठनों को बुलाया गया था। बैठक में अकाल तख्त के जत्थेदार हरप्रीत सिंह ने पुलिस की कार्रवाई के दौरान कुछ लोगों के खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा कानून लगाने के लिए राज्य सरकार की निंदा की थी। ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने कहा था कि इस देश में लाखों लोग हैं, जो हिंदू राष्ट्र की बात करते हैं। जो भी लोग हिंदू राष्ट्र की मांग कर रहे हैं, उन पर भी केस दर्ज होना चाहिए। उन पर भी एनएसए के तहत कार्रवाई होनी चाहिए। अगर उन पर एक्शन होगा तो हम भी परिणाम भुगतने को तैयार रहेंगे। हरप्रीत सिंह ने मांग की थी कि पंजाब के जिन भी नौजवान युवकों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है, उन्हें तुरंत रिहा किया जाए। यहां तक कहा गया कि अगर पंजाब के नौजवानों को पुलिस ने नहीं छोड़ा तो कोई हिंसक प्रदर्शन नहीं होगा, लेकिन कूटनीतिक तरीके से उचित जवाब दिया जाएगा।