सरकारी विभागों में नौकरी लगाने का झांसा देकर देते थे फर्जी नियुक्ति पत्र
देहरादून। उत्तराखण्ड के विभिन्न सरकारी विभागों मे नौकरी दिलाने का झांसा देकर करोडों रुपये की ठगी करने वाले गैंग केे मुख्य सदस्य को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। गैंग के अन्य सदस्य फरार है जिनकी तलाश की जा रही है। बताया जा रहा है कि गैंग के सदस्य खुद को सचिवालय में बड़ा अधिकारी बताकर लोगों से नौकरी दिलवाने के नाम पर करोड़ो रूपये की ठगी को अंजाम दे चुके है। बीते 16 अक्टूबर को मनीष कुमार पुत्र रामगोपाल निवासी गौशाला नदी रोड मुजफ्फरनगर द्वारा कोतवाली पटेलनगर पर तहरीर देकर बताया गया कि कमल किशोर पाण्डेय, मनोज नेगी, चेतन पाण्डेय, ललित बिष्ट द्वारा उनकी व उनके सगे सम्बन्धियों की उत्तराखण्ड के सरकारी विभाग मे नौकरी दिलाने का झाँसा देकर 62 लाख रूपये हड़प लिए गये है। बताया कि किशोर पाण्डेय द्वारा खुद को प्रशासनिक अधिकारी व ललित बिष्ट को सचिव तथा मनोज नेगी को अपर सचिव बताते हुए फर्जी नियुक्ति पत्र भी दिया गया था। मामले की गम्भीरता को देखते हुए पुलिस ने तत्काल मुकदमा दर्ज कर जंाच शुरू कर दी गयी। पुलिस द्वारा जब पीड़ित पक्ष और आरोपियों की काल डिटेल खंगाली गयी तो घटना की तिथि को घटनास्थल पर पीड़ित व आरोपियों की लोकेशन एक ही स्थान पर पायी गयी। पुलिस ने जब आरोपियों के बैंक खाते खंगाले तो पता चला कि आरोपियों के खातों में पीड़ित पक्ष द्वारा समय—समय पर लाखों रूपये जमा कराये गये है। मजबूत साक्ष्य पाये जाने पर पुलिस ने आरोपियों की तलाश शुरू कर दी जिनका फरार होना पाया गया। आरोपियों की तलाश में जुटी टीम ने बीते रोज एक सूचना के तहत गिरोह के सरगना व मुख्य आरोपी कमल किशोर पाण्डेय को त्यागी रोड संगम होटल के पास से गिरफ्तार कर लिया गया। पूछताछ करने पर उसके व उसके अन्य सदस्यों द्वारा सचिवालय मे अपने आप को बडा अधिकारी बताकर कई व्यक्तियों से उत्तराखण्ड के विभिन्न सरकारी विभागो में नौकरी दिलाने के नाम पर करोडों रुपये लेना स्वीकार किया गया। बताया कि उसके द्वारा आवेदको को इण्टरव्यू के लिए सचिवालय व विधानसभा ले जाकर फर्जी नियुक्ति पत्र भी दिया जाता था। बहरहाल गैंग के अन्य सदस्य ललित बिष्ट व मनोज नेगी फरार है जिनकी तलाश की जा रही है।