आय से अधिक सम्पत्ति अर्जित करने का है मामला
देहरादून। आईएएस रामविलास यादव को आय से अधिक संपत्ति जमा करने के मामले में कल देर रात गिरफ्तार कर लिया गया। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए जाने के बाद पहले आईएएस रामविलास यादव का निलम्बन किया गया जिसके बाद देर रात उनकी गिरफ्तारी हुई है।
बता दें कि बीते रोज भ्रष्टाचार मामले में आरोपी आईएएस रामविलास यादव विजिलेंस के सामने पेश हुए। जहंा विजिलेंस अधिकारियों ने उनसे कई घंटे पूछताछ की गयी। बताया जा रहा है कि इस दौरान उनके द्वारा लाये गये दस्तावेजों की भी जांच की गयी और उनसे कई सवाल किए गए। सूत्रों का कहना है कि कुछ सवालों के जवाब पर यादव चुप्पी साध गए तो कुछ पर उन्होने टीम को इधर—उधर की बातों में उलझाने का प्रयास किया।
पूर्व समय में उत्तर प्रदेश से उत्तराखंड आए आईएएस रामविलास यादव के खिलाफ विजिलेंस ने ढाई साल पहले जांच शुरू की थी। इस दौरान उन्हें पूछताछ के लिए कई बार नोटिस जारी किये गये। लेकिन वह विजिलेंस के सामने पेश नहीं हुए । विजिलेंस ने उनसे दफ्तर में ही पूछताछ करने को कहा तो उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया। जिसके बाद विजिलेंस की टीम नेे उनके निवास और दफ्तरों में जाकर साक्ष्य जुटाए थे।
बीते बुधवार हाईकोर्ट से राहत न मिलने पर आईएएस रामविलास यादव दोपहर करीब एक बजे कारगी स्थित विजिलेंस निदेशालय पहुंचे। यहां एएसपी रेनू लोहानी और उनकी टीम ने यादव से पूछताछ शुरू की। करीब छह लोगों की टीम ने उनसे कई घंटे तक पूछताछ की और उनसे 100 से अधिक सवाल पूछे गये। सूत्रों के अनुसार, ज्यादातर सवालों को यादव टाल गए। कुछ के सही जवाब नहीं दे पाए।
आईएएस यादव पर अप्रैल 2022 में आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने के आरोप में मुकदमा दर्ज किया गया था। विजिलेंस ने बीते वर्ष सितंबर माह में अपनी रिपोर्ट शासन को भेजी थी। मुकदमा दर्ज होने के बाद विजिलेंस ने उनके लखनऊ, गाजीपुर और देहरादून स्थित आवासों पर छापे मारे। यहां से महत्वपूूर्ण दस्तावेज बरामद किए गए थे। जिसके बाद रामविलास यादव हाईकोर्ट पहुंचे, लेकिन वहां भी उन्हें राहत नहीं मिली और उन्हे विजिलेंस के सामने पेश होना पड़ा। जिन्हे पहले शासन स्तर पर निलम्बित किया गया और फिर देर रात उन्हे गिरफ्तार कर लिया गया है।