हटाए गए स्वास्थ्य कर्मियों ने किया सचिवालय कूच

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शीघ्र समायोजन की कर रहे हैं मांग

देहरादून। अपनी सेवा बहाली की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे स्वास्थ्य विभाग के आउटसोर्स कर्मचारियों ने सरकार पर दबाव बनाने के लिए आज सचिवालय कूच किया गया।
इन कर्मचारियों का कहना है कि जब सरकार को उनकी सेवाओं की जरूरत थी तो उन्होंने कोरोना काल में अपनी जान हथेली पर रखकर सेवाएं दी लेकिन कोरोना के समाप्त होते ही उन्हें नौकरी से हटा दिया गया। उनकी मांग है कि सरकार को उनके समायोजन पर विचार करना चाहिए था क्योंकि आने वाले समय में फिर कभी भी उनकी सेवाओं की जरूरत होंगी।
उल्लेखनीय है कि 2 साल पहले कोरोना की पहली लहर के दौरान लगभग ढाई हजार कर्मचारियों को स्वास्थ्य विभाग द्वारा उपनल और पीआरडी के जरिए आउट सोर्स पर नौकरी पर रखा गया था। जिन्हें कोरोना की समाप्ति के बाद 1 अप्रैल को हटा दिया गया। तभी से यह आउटसोर्स कर्मचारी अपनी सेवा बहाली की मांग को लेकर दून अस्पताल में धरने—प्रदर्शन पर बैठे हैं। अकेले दून अस्पताल में इनकी संख्या 610 के करीब है। हालांकि इन कर्मचारियों को पहले ही पता था कि उनकी यह सेवाएं अस्थाई तौर पर ली जा रही हैं और वह कभी भी समाप्त की जा सकती हैं।
यहां यह भी उल्लेखनीय है कि इन कर्मचारियों के हटाए जाने से दून अस्पताल की स्वास्थ्य सेवाएं भी प्रभावित हुई हैं, लेकिन सरकार इन्हें वापस नौकरी पर नहीं ले रही है। कांग्रेस सहित तमाम विपक्षी दलों द्वारा इन कर्मचारियों को समर्थन दिया जा रहा है। पूर्व सीएम हरीश रावत का कहना है कि सरकार युवाओं को रोजगार देने की बजाय उनसे उनका रोजगार छीनने का काम कर रही है। कांग्रेस का कहना है कि पहले से ही राज्य के अस्पतालों में कर्मचारियों की भारी कमी है सरकार को चाहिए कि वह इन कर्मचारियों का समायोजन करें। मुख्यमंत्री द्वारा हालांकि इनकी मांगों पर विचार करने की बात कही गई है लेकिन अभी तक समाधान नहीं होने से यह कर्मचारी परेशान हैं। उनका समायोजन किया जाएगा या नहीं यह अलग बात है लेकिन सरकार इस पर विचार जरूर कर रही है।

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