केदारनाथ का उपचुनाव मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के लिए अब तक के सियासी सफर की सबसे बड़ी अग्नि परीक्षा है। इस चुनाव में विपक्ष के पास कई ऐसे अहम मुद्दे हैं जिनके दम पर कांग्रेस नेता उनकी तथा सरकार की अत्यंत ही आक्रामक तरीके से घेराबंदी कर रहे हैं। राज्य में महिलाओं की सुरक्षा एक अहम मुद्दा है। भले ही भाजपा द्वारा इसे लव जिहाद का नाम देकर नया मोड़ दिया जा रहा हो लेकिन बीते समय में कई ऐसे मामले चर्चाओं के केंद्र में आ चुके हैं जिनमें भाजपा नेताओं की संलिप्ता सामने आई है। कांग्रेस अब तक अंकिता भंडारी केस में वीआईपी के नाम के खुलासे को लेकर निशाने साध रही है। दिल्ली में केदारनाथ मंदिर के निर्माण का मुद्दा भी एक महत्वपूर्ण मुद्दा है जिसका शिलान्यास खुद मुख्यमंत्री धामी ने किया था। यह अगर सही फैसला होता तो उन्हे इससे हाथ पीछे क्यों खींचते पड़ते। कांग्रेस के घोर विरोध के बाद सरकार ने इस फैसले को वापस लिया। केदारनाथ मंदिर से सोना चोरी का मुद्दा अभी भी जीवन्त बना हुआ है। सरकार भले ही अब 23 किलो सोना लगने की बात कह रही हो लेकिन इसे 223 किलो क्यों प्रचारित किया और केंद्र से मंदिर की सुरक्षा की मांग क्यों की गई। इन तमाम मुद्दों के बीच इन दिनों सबसे ज्यादा गर्म मुद्दों में भू—कानून और मूल निवास के मुद्दे हैं भले ही सरकार और सीएम लोगों को यह भरोसा दिलाने में जुटे हो कि जल्द ही सशक्त भू कानून लेकर आएंगे। लेकिन कांग्रेस का कहना है कि राज्य में जमीनों की लूट का रास्ता भाजपा की त्रिवेंद्र सरकार द्वारा ही खोला गया था। इन दोनों ही मुद्दों पर सरकार अब केदारनाथ चुनाव से पहले तो कुछ बड़ा कर नहीं सकती है। इसलिए कांग्रेस को भी यह है कहने का मौका मिल गया है कि वह इन मुद्दों को सिर्फ टालना चाहती है। बद्रीनाथ और मंगलौर उपचुनाव हारने के बाद राज्य सरकार और मुख्यमंत्री थोड़ा दबाव में जरूर है। लेकिन वह यह केदारनाथ का चुनाव हारते हैं तो केंद्रीय नेतृत्व की निगाहें भी टेढ़ी होना स्वाभाविक है। यही वह तमाम ऐसे कारण है कि यह चुनाव उनके लिए एक अग्नि परीक्षा बन चुका है। कांग्रेस बीजेपी पर हमलावर है तथा कांग्रेस में एक जुटता भी दिख रही है जबकि भाजपा में ऐश्वर्या रावत के अलावा भी अनेक नेता ऐसे हैं जो टिकट न मिलने से नाराज है और भाजपा को इन अपने ही नेताओं से यह खतरा भी बना हुआ है कि वह चुनाव में कोई खेला न कर दे। सरकार व कांग्रेस के लिए इस चुनाव का अलग—अलग महत्व है यह मुकाबला आसान किसी के लिए नहीं है।