उत्तराखंड में नशे का काला कारोबार किस तरह से फल—फूल रहा है इसका अंदाजा पुलिस द्वारा बीते रोज दी गई इस जानकारी के तहत हुआ है कि पिछले 6 माह के दौरान अकेले राजधानी दून में नशा तस्करी के आरोप में 224 लोगों की गिरफ्तारी हुई है। पुलिस द्वारा नशा माफिया के खिलाफ छेड़े गए अभियान में पुलिस अब तक पूरे राज्य से हजारों तस्करों को गिरफ्तार कर जेल भेज चुकी है लेकिन इसके बावजूद राज्य में नशे का यह काला कारोबार यथावत जारी है, जो यह बताता है कि इन तस्करों का नेटवर्क कितना मजबूत है। पुलिस द्वारा चलाए जा रहे ट्टनशे के खिलाफ अभियान’ का भी इन तस्करों पर कोई असर होता नहीं दिखता है उससे भी चिंताजनक बात यह है कि इन नशा तस्करों में पुलिस का कोई खौफ नहीं है। बीते रोज उधम सिंह नगर पुलिस ने बिजनौर से तस्करी कर लाई गई लाखों की नशीली गोलियां बरामद की थी इससे सहज अंदाजा लगाया जा सकता है कि राज्य में नशा तस्करी अधिकतम बाहरी राज्यों से ही की जा रही है। बात राजधानी दून की करें तो यहां नशे का कारोबार हिमाचल, पंजाब, व पश्चिमी उत्तर प्रदेश की सीमाओं से संचालित होता है तथा इस कारोबार में ड्राइवर, कंडक्टर व वाहन चालकों की अहम भूमिका होती है और उनके निशाने पर स्कूल—कॉलेज व छात्रावास हैं। यह नशा युवा पीढ़ी का भविष्य चौपट कर रहा है। इससे भी सभी वाबस्ता है कि अभी कुछ वर्ष पहले उड़ता पंजाब फिल्म को लेकर काफी हो—हल्ला मचा था पंजाब में युवा पीढ़ी को नशे ने किस हद तक बर्बाद कर दिया है, इस विषय पर बनी यह फिल्म सिर्फ पंजाब की स्थिति को बयां करती है लेकिन देश में अनेक राज्यों की स्थिति पंजाब जैसी ही है। दून में हर माह करोड़ों का यह काला कारोबार लंबे समय से जारी है जिसे पुलिस—प्रशासन रोकने में लगभग नाकाम है।