जो देश अपने पानी, जवानी और किसानी का सदुपयोग नहीं कर पाता उसका भविष्य कभी अच्छा नहीं हो सकता। हिंदुस्तान युवाओं का देश है इस देश के विकास का रास्ता गांवों से होकर जाता है गंगा—यमुना और ब्रह्मपुत्र नदिया इस देश की जीवनदायिनी है। यह तमाम बातें आपने जरूर सुनी होंगी। जो यह बताती है कि जवानी, पानी और किसानी की संपदा से यह देश परिपूर्ण है। लेकिन अगर इनके उपयोग की बात की जाए तो यह भी एक बड़ा सच है कि इस संपदा का समुचित उपयोग कम से कम अब तक तो हुआ नहीं है। बात अगर भारत की जवानी की करें तो देश के 60 फीसदी युवाओं में से 50 फीसदी युवा बेरोजगार है। जिनके पास कोई काम नहीं है। अकेले बिहार में 30 लाख, उत्तर प्रदेश में सवा करोड़ युवा बेरोजगारी की मार झेल रहे हैं। देश में बेरोजगारी की दर 7.30 फीसदी से भी अधिक है। भले ही इसके पीछे सरकारी नौकरियों के पीछे दौड़ना एक अहम कारण रहा हो। यह सभी युवा जानते हैं कि सबके लिए सरकारी नौकरी दिया जाना संभव नहीं है फिर भी युवा पढ़ाई लिखाई का मतलब नौकरी ही समझता रहा है। युवा पढ़ लिखकर कुछ करने के बारे में सोचते ही नहीं है। उन्हें तो मुंशी प्रेमचंद की कहानी नमक का दरोगा की बस दरोगा बनना ही सबसे बड़ी उपलब्धि दिखाई देता है। दो दिन पूर्व सरकार द्वारा अग्निपथ के जरिए सेनाओं में अग्निवीर बनने की शॉर्ट टर्म योजना के प्रस्ताव से अवगत कराया गया। जिसे लेकर बिहार सहित देश के कई राज्यों में उग्र प्रदर्शन शुरू हो गए। विपक्षी दलों के नेता भी इसे युवाओं और सेनाओं के साथ धोखा बता रहे हैं। सभी का मानना है कि 4 साल की इस नौकरी के बाद युवा न घर के रहेंगे न घाट के। सरकार को इन युवाओं की आशंकाओं को दूर करना चाहिए। मात्र यह कह देने से कि चार साल अग्निवीर सेना का हिस्सा रहने वालों में 25—30 फीसदी को सेना में स्थाई नियुक्ति देने पर सरकार विचार कर रही है, के बजाय स्थाई नौकरी दी जाएगी की बात की जानी चाहिए। अब विरोध प्रदर्शनों के लिए गृह मंत्री अमित शाह कह रहे हैं कि अग्नि वीर जवानों को केंद्रीय सुरक्षा बलों में प्राथमिकता दी जाएगी तथा राज्य सरकारों द्वारा पुलिस भर्ती में भी प्राथमिकता दी जाएगी। जैसे आश्वासनों पर कितना भरोसा किया जा सकता है? सरकार को यह साफ करना चाहिए। सरकार ने जिस तरह यह साफ किया है कि उनकी श्ौक्षिक योग्यता और चयन प्रक्रिया क्या होगी तथा उन्हें 4 साल की सेवा में क्या प्राप्त किया होंगी 4 साल बाद उनका भविष्य क्या होगा इसे स्पष्ट करने की जरूरत है। अगर कुछ नहीं है तब भी सरकार साफ कहें कि सिर्फ 4 साल की नौकरी है जिसमें वेतन प्राप्त किया यह होंगी और कुल प्राप्तियंा यह होंगी। सेवानिवृत्त अग्नि वीरों को कार्यकाल पूरा होने पर जो 10—11 लाख रुपए एकमुश्त देने का प्रावधान है वह इन युवाओं को कोई काम न मिलने की स्थिति में कुछ छोटा मोटा काम करने के लिए अति महत्वपूर्ण साबित हो सकता है। आज देश में करोड़ों युवा ऐसे हैं जो धनाभाव के कारण कुछ काम नहीं कर पा रहे हैं कर्जों से कोई काम करना अत्यंत जोखिम भरा है। इस योजना से उन्हें अपने पैरों पर खड़ा होने का मौका जरूर मिल सकता है भले ही इसके लिए उन्हें लंबा संघर्ष करना पड़े।