यात्रा सर पर, सड़कें बदहाल

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चार धाम यात्रा को शुरू होने में अब महज 10—12 दिन का समय शेष बचा है लेकिन राज्य की सड़कों की स्थिति अत्यंत ही दयनीय है। भले ही मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी यह कह रहे हो कि उन्होंने बीते वर्ष चार धाम यात्रा के समापन के बाद ही तैयारियां शुरू कर दी थी लेकिन धरातल पर यह तैयारियां कितनी दुरस्त दिख रही हैं इसकी गवाही राज्य की खस्ताहाल सड़कें दे रही है। बीते कल उत्तराखंड दौरे पर आए केन्द्रीय राज्य मंत्री जनरल वीके सिंह का कहना है कि यात्रा शुरू होने से पहले सड़कों को दुरुस्त कर लिया जाएगा जबकि मुख्यमंत्री धामी सभी यात्रा तैयारियों को पूरा कर लिए जाने की बात कह रहे हैं। समझ से परे है कौन सच बोल रहा है? लेकिन कल ही प्रदेश सरकार द्वारा राज्य में सड़कों के सुदृढ़ीकरण के लिए केंद्र सरकार को ढाई हजार करोड़ रुपए का पैकेज देने के लिए प्रस्ताव भी भेजा गया है प्रमुख सचिव लोक निर्माण विभाग आरके सुधांशु का कहना है कि उन्हें उम्मीद है कि जल्द ही पैकेज की पहली किस्त मिल जाएगी और काम शुरू हो जाएगा। इस पैकेज से राज्य की 3 हजार किलोमीटर लंबी सड़कों का मरम्मत कार्य होगा। यह भी समझ से परे है कि केंद्रीय राज्य मंत्री जनरल वीके सिंह के पास ऐसी कौन सी जादू की छड़ी है जिसे घुमाते ही राज्य की 3 हजार किलोमीटर सड़कें सिर्फ 10 दिन में दुरुस्त हो जाएगी। जबकि अभी यह भी तय नहीं है कि पैकेज कब मिल पाएगा और कितना मिलेगा? ऐसा लगता है कि यह पूरी कवायद चार धाम यात्रा के लिए नहीं की जा रही है बल्कि इसके पीछे 2024 में होने वाला आम चुनाव है। राज्य में इन खस्ताहाल सड़कों के कारण आए दिन कोई न कोई हादसा होता है जिसमें चार—छह लोगों की जाने जा रही है बीते कल टिहरी में एक वाहन खाई में गिरा जिसमें 3 बच्चों की जान चली गई। इससे एक दिन पहले विकास नगर क्षेत्र में एक वाहन खाई में गिर गया जिसमें 3 लोग मर गए थे। हादसों का यह सिलसिला लगातार जारी है। अभी दो दिन पूर्व बदरीनाथ हाईवे पर हनुमान चटृी के पास पहाड़ का एक हिस्सा भरभरा कर सड़क पर गिर गया था जिससे राजमार्ग बाधित हो गया था जोशीमठ आपदा के बाद भले ही सरकार और मुख्यमंत्री धामी हालात सामान्य होने की बात कर रहे हो या इस क्षेत्र में भू धसाव थमने की खबरें आ रही हो लेकिन केंद्रीय राज्य मंत्री का कहना है कि बद्रीनाथ जाने के लिए जोशीमठ बाईपास बनाए जाने की जरूरत है। अब अगर बाईपास बनाया जाना है या अन्य कोई वैकल्पिक मार्ग बनाने की जरूरत है तो वह भी रातों—रात संभव हो नहीं सकता है। गंगोत्री यमुनोत्री और बदरीनाथ तथा केदारनाथ धाम में बेमौसम बारिश व बर्फबारी से आई दिक्कतों के कारण शासन प्रशासन अभी तक रास्तों से बर्फ हटाने और धामाें तक पहुंचने का रास्ता साफ करने में ही जुटा हुआ है। ऐसे में सड़कों की मरम्मत का काम व क्रैश बैरियर बनाने तथा सुरक्षा पुस्ते बनाने का काम पीछे छूट गया है। 10 दिन बाद शुरू होने वाली यात्रा में इन सड़कों की बदहाली यात्रियों की जान पर भारी पड़ सकती है। खासतौर से गंगोत्री और बद्रीनाथ जाने वाली सड़कों की स्थिति ज्यादा खराब है अब देखना है कि 10 दिन में इन सड़कों को कितना सुधारा जा सकेगा।

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