ड्रग्स के खिलाफ मुहिम, एक अच्छा प्रयास

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पंजाब के बाद अब उत्तराखण्ड भी ड्रग्स की चपेट में आ चुका है। राज्य में ड्रग्स के बढ़ते प्रकोप के चलते जहंा युवा वर्ग, छात्र व नाबालिग इसका शिकार बन रहे है वहीं बढ़ते अपराधों के लिहाज से देखा जाये तो इसके पीछे भी ड्रग्स की एक अहम भूमिका है। राज्य में ड्रग्स तस्करों द्वारा ऐसा एक भी जिला नहीं छोड़ा गया है जहंा उन्होने अपना सिंडिकेट नहीं खड़ा किया गया है। हालांकि पुलिस प्रशासन गाहे बगाहे इन ड्रग्स तस्करों को दबोचने में कामयाब तो हो रही है लेकिन वह नशा तस्करों के इस बड़े सिडींकेट को पूरी तरह से तोड़ने में असफल ही साबित हुई है। राज्य में बढ़ती ड्रग्स तस्करी को देखते हुए ही इस बार स्वंय मुख्यमंत्री द्वारा 2025 तक उत्तराखण्ड को ड्रग्स मुक्त करने की मुहिम छेड़ दी गयी है। जो यह बताने के लिए काफी है कि राज्य में ड्रग्स तस्करों की पैठ काफी मजबूत है। जिस पर अब खुद सरकार को ध्यान केन्द्रित करने की जरूरत पड़ गयी है। बीते कुछ वर्षो पहले वालीवुड द्वारा एक फिल्म बनायी गयी थी जिसका नाम ट्टउड़ता पंजाब’ था। जिसमें दिखाया गया था कि पंजाब का युवा वर्ग किस तरह से नशे की चपेट में आ चुका है अगर उत्तराखण्ड से अब भी ड्रग्स तस्करों का सफाया नहीं किया गया तो वह दिन भी दूर नहीं जब यहंा का युवा वर्ग भी पूरी तरह से इसकी चपेट में न आ पाये। हालांकि राज्य के मुखिया की उत्तराखण्ड को ड्रग्स मुक्त करने की अच्छी मुहिम है लेकिन यह मुहिम कितना रंग लाती है यह तो आने वाला समय ही बतायेगा।

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