विकसित भारत सभी की जिम्मेवारीः मोदी

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मेरा संकल्पः पहाड़ की जवानी और पानी दोनो काम आयेगें

  • लोकल फार वोकल मे महिला समूहों को भागीदार बनाये
  • उघमियों से बोले आयात घटाएं, निर्यात बढ़ाये
  • देवभूमि आपसे कुछ नहीं लेगी आपको देगी ही

देहरादून। प्रधामंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज दून में आयोजित होने वाली इन्वेर्स्टस समिट का उदघाटन करते हुए अपने सम्बोधन में न सिर्फ अपनी सरकार के विजन को रखा अपितु उघमियों को प्रोत्साहित करते हुए कहा कि कुछ करने का यही समय है, सही समय है जब आप देश और समाज के विकास में सहभागी बनकर देश को विकसित बनाने के लिए कुछ कर सकते है। साथ ही उन्होने कहा कि उत्तराखण्ड में निवेश करना उनके लिए सदैव हितकारी सिद्ध होगा क्योंकि यह देवभूमि किसी से कुछ लेती नहीं है बस देती ही देती है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी आज सुबह जब ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट का उदघाटन करने के लिए यहंा पहुंचे थे तो उनका भव्य स्वागत किया गया। उन्होने यहंा एक्ज्यूव्यूशन हाल में पहले प्रदर्शनी का अवलोकन किया और हाउस आफ हिमालय बुक का विमोचन भी किया। इसके बाद उन्होेने ग्लोबल समिट का उदघाटन किया। अपने सम्बोधन में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि कोरोना काल से देशवासियों का आत्मविश्वास और अधिक बढ़ा है। उन्होने कहा कि विकसित भारत हर देशवासी की जिम्मेदारी है। उन्होने कहा कि देश की अर्थव्यवस्था तेजी से आगे बढ़ रही है। न्यू मिडिल क्लास के लोगों की क्रयशक्ति और पुुराने मिडिल क्लास के लोगों की अधिक खर्च करने की सामर्थ्य से अर्थव्यवस्था को मजबूती मिली है।
उन्होने कहा कि उत्तराखण्ड ने डबल इंजन सरकार के जरिए तेजी से विकास की ओर कदम बढ़ाये है। उन्होने कहा कि मैने पहले ही कहा था कि 21वीं सदी का तीसरा दशक उत्तराखण्ड के विकास का दशक होगा। राज्य में हर क्षेत्र में तेजी से विकास हुआ है। बात चाहे सड़क, रेल और हवाई क्नेक्टिविटी की हो या फिर उघोगों की सभी को इस विकास का लाभ मिल रहा है। उन्होने कहा कि एलीवेटिड रोड के निर्माण के बाद दिल्ली से दून ढाई घंटे की दूरी पर रह जायेगा। उन्होनेे कहा कि उत्तराखण्ड में असीम विकास की सम्भावनांए निहित है। नेचर, कल्चर, हेरिटेज, एडवेंचर, योग अध्यात्म यहंा क्या कुछ नहीं है।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि उन्होने दो करोड़ महिलाओ को लखपति दीदी बनाने का संकल्प लिया है। उन्होेने अपने लोकल फार वोकल के कन्सैफ्ट पर बात करते हुए कहा कि उत्तराखण्ड में अनेक ऐसे औषधीय और आर्गेनिक उत्पाद है जिनका अगर ठीक से शोधन और पैकेजिंग की जाये तो वह विदेशों तक धूम मचा सकते है। उन्होने उघमियों से कहा कि वह अपने उघोगों में इन उत्पादों और महिला समूहों के साथ समन्वय को लेकर बहुत कुछ कर सकते है। जिससे उन्हे अपने लखपति दीदी कार्यक्रम और संकल्प को पूरा करने मेंं मदद मिल सकती है। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि कहा जाता था कि पहाड़ की जवानी और पहाड़ का पानी कभी पहाड़ के काम नहीं आता है लेकिन मेरा संकल्प और मेरा विश्वास है कि अब पहाड़ का पानी भी और पहाड़ की जवानी भी दोनो की उत्तराखण्ड के काम आयेगी। राज्य में कृषि और उघोग दोनो क्षेत्रों में आने वाले समय में अभूतपूर्ण तरक्की होगी। उन्होने कहा कि आप उत्तराखण्ड में बेझिझक निवेश कीजिये और इस विकास यात्रा में सहयोगी बनिये।


दावाः मेरे तीसरे टर्म में देश विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था वाला देशः मोदी
देहरादून। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी आज अपने देहरादून दौरे के दौरान आत्मविश्वास से इतने लबरेज दिखे कि उन्होने 2024 में अपनी जीत को ही सुनिश्चित नहीं बताया बल्कि अपने तीसरे टर्म में भारत को विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था वाला देश बनने की गांरटी भी दे डाली। प्रधानमंत्री का कहना था कि उन्होने अपने नौ साल के शासन में 13.5 करोड़ लोगों को गरीबी से बाहर आने का दावा करते हुए कहा कि अब अब इन न्यू मिडिल क्लास लोगों की ताकत देश के विकास में अहम भूमिका निभायेगी। अभी हम विश्व की पांचवी बड़ी अर्थव्यवस्था बन पाये है लेकिन मेरे तीसरे टर्म में भारत विश्व की तीसरी बड़ी आर्थिक ताकत बन जायेगा।

उत्तराखण्ड को मैरिज डेस्टीनेशन बनाने का दिया सुझाव
देहरादून। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी आज जब ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट को सम्बोधित कर रहे थे तो एक समय उनकी बात सुनकर सभी उघमी और नेता सन्न रह गये। जब वह बोले हो सकता है कि मेरी बात कुछ धन्ना सेठों को अच्छी न लगे। आपको उत्तराखण्ड में निवेश नहीं करना है तो न करे। लेकिन दूसरे देशों में जाकर शादियां करने की बजाय वह एक साल में एक शादी उत्तराखण्ड डेस्टिीनेशन में आकर ही कर लें। उन्होने कहा कि साल में अगर पांच सौं ऐसी शादियंा जो आप बाहर जाकर करते है उत्तराखण्ड में करेंगे तो उत्तराखण्ड एक साल में ही मैरिज डेस्टीनेशन जरूर बन जायेगा। जो उत्तराखण्ड के विकास के लिए काफी होगा। पीएम का यह अनौपचारिक सुझाव सुनकर लोग भी मुस्काने पर विवश हो गये।

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