हरिद्वार। कोर्ट के आदेश के बावजूद मुकदमा दर्ज करने में देरी करना कोतवाली प्रभारी को भारी पड़ गया। मामले की जानकारी मिलने पर पुलिस कप्तान ने कोतवाली प्रभारी व एक एसएसआई को लाइन हाजिर कर दिया गया।
मामला मध्य हरिद्वार के देवभूमि अस्पताल के मालिक सुशील कुमार और भाजपा व आरटीआई कार्यकर्ता सचिन चौधरी के बीच विवाद से जुड़ा है। डीजीपी दरबार तक हल्ला मचने के बाद एसएसपी ने यह कार्रवाई की है। हालांकि पर्दे के पीछे की कहानी कुछ और बताई जा रही है। चर्चाएं है कि विवाद में ऊपरी आदेश का पालन कराने में नाकाम होने पर गाज गिरी है।
देवभूमि अस्पताल के मालिक सुशील कुमार और आरटीआई कार्यकर्ता व भाजपा नेता सचिन चौधरी के बीच काफी समय से विवाद चल आ रहा है। सचिन चौधरी का आरोप है कि अस्पताल जिस भवन में चल रहा है, वह कमर्शियल नहीं, बल्कि घरेलू है। सचिन ने इस बाबत एचआरडीए आरटीआई से जानकारी भी मांगी थी। दूसरी तरफ डॉक्टर सुशील कुमार ने सचिन चौधरी पर रुपए मांगने का आरोप लगाया था।
बीते जनवरी माह में डॉ सुशील ने ज्वालापुर कोतवाली में सचिन के खिलाफ तहरीर दी थी, जिस पर कार्रवाई न होने पर उन्होंने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। ऐसा बताया गया है कि पिछले हफ्ते कोर्ट ने मुकदमा दर्ज करने के आदेश ज्वालापुर पुलिस को कर दिए थे। लेकिन पुलिस ने मुकदमा दर्ज नहीं किया। ऐसी भी चर्चाएं हैं कि विवाद को लेकर दोनों पक्षों के बीच सुलह का प्रयास भी हुआ। मगर सफलता नहीं मिली। मामला कार्यवाहक डीजीपी अभिनव कुमार के संज्ञान में आने पर उन्होंने एसएसपी को कार्रवाई के निर्देश दिए। जिस पर आज मुकदमा दर्ज करने के साथ ही एसएसपी ने कोतवाल रमेश तनवार और एसएसआई राजेश बिष्ट को लाइन हाजिर कर दिया। इस कार्रवाई से हड़कंप मचा हुआ है।