सिक्योरिटी गार्ड से बना साईबर ठग गिरोह का सरगना, गिरफ्तार

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देहरादून। सिक्यूूरिटी गार्ड की नौकरी में उचित कमाई न होने पर एक व्यक्ति साइबर ठग बन बैठा। उसने अपने गिरोह के साथ मिलकर देश भर में कई लोगों के साथ प्रधानमंत्री मुद्रा लोन योजना के नाम पर लाखों की ठगी की घटना को अंजाम दिया। जिसको एसटीएफ द्वारा गिरफ्तार कर लिया गया है। हालांकि उसके दो साथियों को एसटीएफ पूर्व में ही गिरफ्तार कर जेल भेज चुकी है।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक एसटीएफ आयुष अग्रवाल द्वारा जानकारी देते हुये बताया कि विगत दिवस में एसटीएफ द्वारा प्रधानमन्त्री मुद्रा लोन योजना के नाम पर थाना प्रेमनगर जनपद देहरादून क्षेत्र में रहकर ऑनलाईन ठगी करने वाले साईबरों ठगों के गिरोह के 2 सदस्यों को पकड़कर इस गिरोह का भण्डाफोड़ किया गया था। जिनके द्वारा तेलांगना, आन्ध्रा और महाराष्ट्र राज्य के निवासियों के अलावा देशभर में कई लोगों के साथ कई लाखो रूपये की धोखाधड़ी की गयी थी। इस गिरोह का मुख्य संचालक दीपक राज शर्मा पुत्र राम लौट शर्मा निवासी सुल्तानपुर उत्तर प्रदेश तभी से फरार चल रहा था। जिसे एसटीएफ द्वारा बीते रोज वृन्दावन मथुरा से गिरफ्तार कर लिया गया है। जिसके पास से 13 मोबाईल, 7 एटीएम कार्डस, 7 सिम कार्डस और आधार कार्डस तथा कई लाखों रूपये के हिसाब किताब की 10 डायरियां बरामद हुई है। पूछताछ में आरोपी दीपक राज शर्मा ने बताया कि वह 12वीं पास है तथा 2015 में वह देहरादून काम करने आया था और वह सबसे पहले वसंत विहार में हॉक कमाण्डो सिक्योरिटी सर्विस में सिक्योरिटी गार्ड की नौकरी करता था। जिसके बाद वह एक कॉल सेंटर में काम करने लगा। बताया कि वह कॉल सेंटर लोगों से भिन्न—भिन्न कंपनियों के टावर लगाने के नाम पर ठगी करता था वहीं से मैंने भी यह काम सीख कर साईबर ठगी का कार्य शुरू किया। वर्ष 2015 में वह इसी साईबर ठगी के मामले में थाना सेलाकुई से जेल गया फिर उसके बाद उसने अपना कॉल सेन्टर 2022 में बसंत विहार में अनुराग चौक के पास खोला जहां से फिर मुद्रा लोन के नाम पर साईबर ऑन लाइन ठगी शुरूकर दी लेकिन वहां पर भी साइबर थाना देहरादून वर्ष 2022 में मेरे गिरोह के साथ मुझे पकड़ लिया गया और फिर मैं जेल चला गया। उस समय मेरे साथ ऋषिपाल, सोहित शर्मा, विकास शर्मा जेल गए थे। जमानत में छूटने के बाद उसने एक बार फिर प्रेम नगर क्षेत्र में एक कॉल सेंटर खोला और प्रधानमंत्री मुद्रा लोन योजना के नाम से ठगी शुरू कर दी। इस काम के लिए मैने 9 से 10 लड़के रखे। बताया कि ठगी की कमाई से सिद्धूवाला, प्रेमनगर में दो प्लॉट लगभग 32 लाख रूपये में खरीदे हैं तथा 5—5 लाख की तीन कमेटियों में अपना धोखाधड़ी की रकम लगायी गयी है। ठाकुर पुर में नित्या गारमेन्टस के नाम से दुकान में भी ये ही रकम प्रयुक्त करता था।

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