- उत्तराखंड में जल्द लागू हो जाएगा यूसीसी
- 500 साल इंतजार के बाद आया शुभ दिन
देहरादून। यूसीसी की ड्राफ्ट कमेटी 22 जनवरी से पहले ही अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंप देगी। यह बात आज मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने एक कार्यक्रम के दौरान पत्रकारों से कहीं। उन्होंने कहा कि यूसीसी का ड्रॉफ्ट तैयार हो चुका है और 22 जनवरी से पहले समिति इस ड्राफ्ट को सरकार को सौंप देगी तथा प्रदेश में जल्द ही यूसीसी लागू हो जाएगा।
दरअसल मुख्यमंत्री धामी द्वारा सेवानिवृत्ति न्यायाधीश डा. रंजना देसाई के नेतृत्व में बनाई गई ड्राफ्ट कमेटी का कार्यकाल 22 जनवरी को पूरा होने वाला है। कई दिनों से मीडिया में इस तरह की खबरें आ रही थी कि क्या एक बार फिर सरकार इस समिति का कार्यकाल बढ़ाने जा रही है। क्योंकि अब 22 जनवरी में अधिक समय नहीं बचा है सिर्फ 5—6 दिन ही शेष हैं ऐसे में आज मुख्यमंत्री धामी ने यह कहकर की समिति 22 जनवरी से पहले ही ड्राफ्ट सरकार को सौंप देगी, साफ कर दिया है कि अब समिति का कार्यकाल नहीं बढ़ाया जाएगा। सीएम धामी का कहना है कि ड्राफ्ट पूरी तरह से तैयार है और समिति 22 जनवरी से पहले ही ड्राफ्ट सरकार को सौंप देगी। यह कहकर उन्होने समिति के कार्यकाल बढ़ाने की चर्चाओं पर विराम लगा दिया गया है। हालांकि अभी उन्होंने इसकी कोई तय तारीख नहीं बताई है लेकिन इतना जरूर तय है कि इस ड्राफ्ट के मिलते ही इसका विधिक परीक्षण कराया जाएगा और आगामी विधानसभा सत्र में इस विधेयक को सदन के पटल पर रखा जाएगा। क्योंकि धामी सरकार लोकसभा चुनाव से पूर्व राज्य में यूसीसी लागू करने का मन बना चुकी है। इसके संकेत कई बार सीएम धामी पहले भी दे चुके हैं।
उधर आज अयोध्या में 22 जनवरी को होने वाले प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के बारे में मुख्यमंत्री धामी ने कहा है कि 22 जनवरी का सभी सनातन धर्मियों को बड़ी बेसब्री से इंतजार है। 500 साल के लंबे इंतजार के बाद यह दिन आया है। उन्होंने कहा कि देश में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सनातन धर्मियों के अच्छे दिन आने वाले हैं। उन्होंने कहा कि 22 जनवरी के कार्यक्रमों को लेकर अभी से तैयारियां शुरू कर दी गई है आम जनता में इसे लेकर भारी उत्साह है। साफ—सफाई से लेकर दीपक उत्सव तक सभी कुछ वैसा ही होगा जैसे अन्य उत्सवों पर होता रहा है। इसे लेकर मैं स्वयं तो प्रसन्न हूं पूरे प्रदेश के लोगों में भी हर्ष उल्लास का माहौल है। भगवान राम ने तो 14 वर्ष का वनवास भोगा था हमने राम मंदिर में उनके पधारने के लिए 500 साल लंबा इंतजार किया है।