कूड़ेदान में महिला के शव मिलने के मामले में महिला आयोग की अध्यक्ष ने लिया संज्ञान

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  • -एसएसपी से कहा मामले की करें जांच

देहरादून । हाथीबड़कला कैन्ट क्षेत्र मे 35 वर्षीय महिला का शव कूड़ेदान में मिलने की खबर के बाद महिला आयोग की अध्यक्ष ने मामले में स्वतः संज्ञान लेते हुए जानकारी ली और इस प्रकरण में उन्होंने तत्काल एसएसपी देहरादून से फोन पर वार्ता कर अध्यक्ष कुसुम कण्डवाल ने कहा कि उन्हें शक है कि शायद उस महिला के साथ गलत किया गया है और उसके बाद उसकी हत्या हुई है। इस मामले में महिला आयोग ने पुलिस को जांच व कार्यवाही के लिये निर्देशित किया है। तथा उन्होंने कहा है कि यदि मृतका के साथ किसी भी प्रकार की गलत हरकत को अंजाम दिया गया है तो उसके आरोपी को कड़ी से कड़ी सजा मिलनी चाहिए।
मामले में एसएसपी ने बताया की जिस महिला का शव मिला है वो निराश्रित (कूड़ा इत्यादि बीनने वाली) थी और वहीं पास के एक सुलभ शौचालय के कर्मचारी ने उसे वहां आश्रय दे रखा था जो कि महिला के साथ गलत करता था जिसे गिरफ्तार कर लिया गया है तथा कार्यवाही की जा रही है
महिला आयोग की अध्यक्ष ने कहा है कि ऐसी घटना का होना अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है। पुलिस को ऐसे प्रकरणों में कठोरतम कार्यवाही करनी चाहिए जिससे कि कोई और व्यक्ति इस प्रकार की घटना को अंजाम न दे सके।

वही दूसरी ओर शनिवार को सुबह दून अस्पताल के प्रसूति विभाग में भर्ती हुई एक गर्भवती महिला की लिफ्ट के बाहर अचानक हुई डिलीवरी के मामले ने महिला आयोग की अध्यक्ष कुसुम कण्डवाल ने सवाल उठाया है और इस पर नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि राजधानी के सबसे बड़े अस्पताल में इस प्रकार की घटना होना संवेदनशील है। हांलाकि महिला आयोग की अध्यक्ष कुसुम कण्डवाल ने बताया कि वो कल अस्पताल के प्रसूति गृह में गयी थी और इसके अतिरिक उन्होंने लेबर रूम आदि का निरीक्षण भी किया तथा वहाँ उपस्थित सभी गर्भवती महिलाओं व जच्चा – बच्चा और से मिलकर उनका हाल व अस्पताल के स्वास्थ्य कर्मियों के व्यवहार की जानकारी ली । उन्होंने इस प्रकरण को जोड़ते हुए कहा कि अस्पताल में सरकार की ओर से पूर्ण सहयोग दिया जा रहा है नए भवन का निर्माण भी किया गया है फिर भी ऐसी लापरवाही होना गलत है। उन्होंने अस्पताल के निदेशक डॉ आशुतोष सयाना से मामले में फोन पर वार्ता भी की और पत्र लिख कर अस्पताल की व्यवस्था व कार्यरत स्वास्थ्य कर्मियों के व्यवहार को ठीक करने लिए निर्देश दिया है। इस मामले में डॉ आशुतोष सयाना ने बताया कि गर्भवती महिला को जब प्रसव हुआ उस समय वो अपने परिजनों के साथ बाहर बैठी थी। गर्भवती को अचानक प्रसव पीड़ा हुई तब जब तक कोई वहां पहुँच पाते तब तक गर्भवती की डिलीवरी हो चुकी थी तभी अस्पताल में तैनात स्वास्थ्यकर्मी तत्काल महिला और बच्चे को अंदर ले गए थे और उन्हें तत्काल ही उपचार दिया गया तथा दोनों स्वस्थ है।

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