भव्य और दिव्य काशी विश्वनाथ मंदिर का पीएम ने किया लोकार्पण

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वाराणसी। ज्योर्तिलिंग काशी विश्वनाथ मंदिर का स्वतंत्र भारत में पहली बार देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा आज लोकार्पण किया गया।
दिव्य और भव्य काशी के दर्शनों को आज वाराणसी शहर के साथ ही उत्तर प्रदेश और पूरे देश के लोग उत्साहित हैं। आज प्रधानमंत्री द्वारा विधिवत पूजन कर बाबा विश्वनाथ मंदिर का लोकार्पण किया गया।
विदित हो कि लगभग 241 वर्ष पूर्व हिन्दू शासक महारानी होल्कर द्वारा जीर्णाेद्वार किया गया था तथा पंजाब केशरी महाराजा सरदार रणजीत सिंह द्वारा 182 वर्ष पूर्व मंदिर के शिखरों में स्वर्ण जर्णित कराया गया था। महारानी स्वयं मां अन्नपूर्णा की अवतार थी तथा महाराजा स्वयं भगवान कार्तिकेय के अवतार थे ऐसा उल्लेख मिलता है।
भारत ही नहीं अपितु विश्व के सभी देशों से श्रद्धालु यहां विश्वेश्वर ज्योर्तिलिंग का दर्शन—पूजन कर आत्मिक शान्ति एवं आलोक प्राप्ति का पुण्य लाभ अर्जित करते हैं। इस ज्योर्तिलिंग के दर्शन से तत्वज्ञान एवं मोक्ष प्राप्ति होती है। ऐसी मान्यता है कि विश्वनाथ जी के दर्शन से सभी द्वादश ज्योर्तिलिंगों के दर्शन का फल मिलता है। क्योंकि यह मां गंगा के दक्षिणी वाहिनी किनारे स्थित है।
लोकमानस में इस ज्योर्तिलिंग का एक बिम्ब है जिसके साथ घनिष्ठता के साथ जुड़ा हुआ है हमारा सांस्कृतिक अतीत और हमारी उच्चतम आध्यात्मिक चेतना आदि शंकराचार्य से लेकर स्वामी रामकृष्ण परमहंस, स्वामी विवेकानन्द, गोस्वामी तुलसीदास, दयानन्द सरस्वती, गुरुनानक आदि के द्वारा यह लिङ्ग पूजित है। धार्मिक और आध्यात्मिक वैशिष्ट्य के साथ—साथ यह ज्योर्तिलिंग राष्ट्रीय एकता का स्तम्भ है।
काशी विश्वनाथ मंदिर का प्रधानमंत्री द्वारा जीर्णाेद्वार का बीड़ा वहां से 2014 में सांसद बनने के बाद निर्णय लिया गया। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि ट्टमैं काशी आया नही हूं मुझे गंगा मैइया एवं बाबा विश्वनाथ ने बुलाया है और मुझे इस नगर के पुरातन गौरव को स्थापित करते हुये भारत को विश्व गुरू बनाना है। इस काम मेें बाबा विश्वनाथ एवं बाबा सोमनाथ मेरी मदद करेंगे। इसी संकल्प को आगे बढ़ाते हुये मोदी जी ने विश्वनाथ धाम कोरीडोर का शिलान्यास 8 मार्च 2019 में किया था।
उस समय उन्होंने संकल्प लिया था कि इस कार्य को शीघ्र पूरा किया जायेगा। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा विस्तार एवं जीर्णाेद्वार किया जाना एक ऐतिहासिक एवं साहसिक निर्णय है।
यहां कॉरिडोर निर्माण के बाद श्री काशी विश्वनाथ मंदिर से दशाश्वमेध घाट पर प्रति वर्ष आने वाले करोड़ों देशी—विदेशी श्रद्धालुओं का आवागम एवं दर्शन—पूजन करने पहले की अपेक्षा सुगम हो जाएगा। इन इमारतों में एम्पोरियम व मंदिर चौक का प्रांगण काफी महत्वपूर्ण है। मंदिर चौक के व्यूइंग गैलरी से गंगा व बाबा के शिखर का दर्शन हो पाएगा। वहीं एम्पोरियम में देश की हस्त निर्मित, हैंडीक्राफ्ट आदि चीजें एक छत के नीचे मिलेंगी। श्री काशी विश्वनाथ कॉरिडोर का विकास करीब 50,200 वर्ग मीटर में 339 करोड़ रुपये की लागत से हो रहा है।

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