जम्मू। अमरनाथ यात्रा आज 1 जुलाई से शुरू हो गई है। बाबा अमरनाथ बर्फानी के भक्त पहलगाम और बालटाल के रास्ते पवित्र गुफा की ओर निकल पड़े हैं। यात्रा के लिए 3488 तीर्थयात्रियों का पहला जत्था बेस कैंप से अपने-अपने निर्धारित प्वाइंट पर पहुंचा था। दोनों रूट पर कड़े सुरक्षा इंतजाम किए गए हैं। दक्षिण कश्मीर के हिमालय की पहाड़ियों में 3880 मीटर की ऊंचाई पर स्थित बाबा की गुफा की 62 दिन की यात्रा में सुरक्षा और स्वास्थ्य को लेकर खास ध्यान रखा जा रहा है। क्योंकि आतंकी संगठन टीआरपी ने यात्रा को लेकर धमकी जारी की थी। सुरक्षा का ज़्यादातर ज़िम्मा सीआरपीएफ और जम्मू कश्मीर पुलिस को सौंपा गया है। जम्मू से लेकर कश्मीर फिर अनंतनाग ने गुफा और अनंतनाग से बालटाल हर जगह चप्पे चप्पे पर सुरक्षाबल तैनात हैं। पुलिस, सीआरपीएफ, सेना, बीएसएफ और एसएबीसी ने कॉर्डिनेटेड सुरक्षा प्लान बनाया है। जम्मू से लेकर पवित्र गुफा तक दोनों रास्तों पर कड़े सुरक्षा के प्रबंध किये गए है। दिन-रात गश्त हो रही है। लक्ष्य है कि यात्रा ठीक ठाक और सुरक्षित चले।
केंद्र ने अमरनाथ यात्रा के लिए बहु स्तरीय सुरक्षा व्यवस्था के लिए सीआरपीएफ के 40000 अतरिक्त सुरक्षाकर्मियों को तैनात किया है। एक अनुमान के तहत जम्मू से लेकर पवित्र गुफा तक पहलगाम और बालटाल दोनों रास्तों पर स्थानीय सुरक्षाकर्मियों के अलावा 60 हज़ार और सुरक्षाबल तैनात रहेंगे जिन्हें सिर्फ यात्रा के लिए लगाया गया है। मौसम को देखते सुरक्षाबलों और प्रशसन ने भी यात्रा के दौरान किसी आपातकाल सिथिति से निपटने के लिए पूरी तैयारी की है। डिसास्टर मैनेजमेंट, एसडीआरएफ़, एनडीआरएफ की दर्जनों टीमोंके को यात्रा के दोनों रास्तों पर तैनात किया गया है। यात्रा को सुरक्षित और सरल करने के लिए नवीनतम तकनीकों और उपकरणों का उपयोग किया जा रहा है। टेक्नॉलजी बहुत अहम रोल निभा रही है। इसलिए टेक्नोलॉजी को भी अपग्रेड किया है, जिसमें रेडियो फ़्रीक्वेंसी आइडेंटिफ़िकेशन गाड़ियों के ऊपर लगी है। जितने भी यात्री आएंगे उनकी टैगिंग होगी। जिससे यात्रियों की पोज़िशन पता रहेगी, साथ ही सीसीटीवी कैमरा का इस्तमाल किया जा रहा हैं। यह आईपी बेस्ड कैमरा हैं जिसे लाइव फीड ली जा सकेगी।