नई दिल्ली। अरुणाचल प्रदेश में गुरुवार सुबह सेना का एक हेलीकॉप्टर लापता हो गया। अब तक की जानकारी के मुताबिक, मंडला के पास यह हादसा हुआ। दोनों पायलट लापता हैं, जिनमें एक लेफ्टिनेंट कर्नल और दूसरा मेजर है। सेना ने कहा कि विमान का सुबह सवा नौ बजे हवाई यातायात नियंत्रक से संपर्क टूट गया था। सेना ने कहा है कि बोमडिला के पश्चिम में मंडला के पास इसके दुर्घटनाग्रस्त होने की खबर है। तलाश में दल भेजा गया है। यह पहली बार नहीं है जब अरुणाचल प्रदेश में चीता हेलिकॉप्टर दुर्घटना का शिकार हुआ हो, अक्टूबर 2022 में भी तवांग में इसी तरह का हादसा हुआ था। तब आर्मी का चीता हेलिकॉप्टर अरुणाचल प्रदेश के तवांग क्षेत्र के पास दुर्घटनाग्रस्त हो गया था और इसमें सवार दो पायलटों में से एक की मौत हो गई थी। जिस पायलट की इस दुर्घटना में मौत हुई थी उसका नाम कर्नल सौरभ यादव था जिनकी इलाज के दौरान मौत हो गई थी। चीता हेलीकॉप्टर 60 साल पुराना है। लगातार दुर्घटनाओं का शिकार बन रहे इस हेलीकॉप्टर को लेकर अतीत में भी सवाल उठते रहे हैं। 2007 में यूपीए सरकार के दौरान रक्षा मंत्री रहे ए। के। एंटनी ने चीता हेलिकॉप्टर को लेकर तब कहा था कि ‘ये पुरानी मशीनें अब सेना की जरूरतों को पूरा नहीं करती हैं, अब इन्हें बदल देना चाहिए।’ इसे मूलतः फ़्रांसीसी कंपनी एरोस्पेटियैल ने बनाया है। सिंगल इंजन वाला ये हेलिकॉप्टर एक समय में 5 लोगों को लेकर उड़ान भर सकता है। हल्के वजन की इस हेलीकॉप्टर की खासियत ये है कि यह सियाचिन जैसे दुर्गम इलाकों में आसानी से उड़ान भरकर सामान पहुंचा सकता है। कारगिल युद्ध के दौरान भी यह अहम भूमिका निभा चुका है।