नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को राष्ट्रीय जनता दल (राजद) नेता और पूर्व संसद सदस्य (सांसद) प्रभुनाथ सिंह को 1995 के दोहरे हत्याकांड के एक मामले में आजीवन कारावास की सजा सुनाई, जिसके कुछ दिनों बाद ही सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें बरी करने के ट्रायल कोर्ट के फैसले को पलट दिया। अदालत ने सिंह और बिहार सरकार को इस मामले में दो मृतक पीड़ितों के परिवारों को 10-10 लाख रुपये और एक घायल पीड़ित को 5 लाख रुपये का भुगतान करने का भी निर्देश दिया, जिसमें विधानसभा चुनाव के लिए मतदान के दिन दो लोगों की हत्या शामिल थी। मार्च 1995 में सारण जिले के छपरा में दोनों की गोली मारकर हत्या कर दी गई क्योंकि उन्होंने सिंह के सुझाव के अनुसार मतदान नहीं किया था। न्यायमूर्ति संजय किशन कौल की अध्यक्षता वाली पीठ ने पूर्व विधायक सिंह को दरोगा राय और राजेंद्र राय की हत्या और एक महिला की हत्या के प्रयास के लिए दोषी ठहराया था। शीर्ष अदालत ने ट्रायल कोर्ट और पटना उच्च न्यायालय के आदेशों को यह कहते हुए पलट दिया कि वह हमारी आपराधिक न्याय प्रणाली के एक असाधारण दर्दनाक प्रकरण से निपट रहा है।