मणिपुर पर चर्चा निरर्थक

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इन दिनों संसद में विपक्ष द्वारा मणिपुर हिंसा को लेकर लाये गए अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा हो रही है। देश के लोग इस चर्चा को सुनकर यह समझ सकते हैं की अति संवेदनशील मुद्दे पर देश के नेता कितने संजीदा है। ऐसा लगता है कि उन्हें मणिपुर में क्या—क्या हुआ या हो रहा है उसकी कतई भी चिंता नहीं है और उन्हें सिर्फ इस बात की चिंता है कि एक दूसरे की कुर्ता घसीटन कैसे करें और कैसे खुद को अव्वल और सामने वाले को दोयम साबित करना है। सत्ता पक्ष के नेता मणिपुर में हिंसा के कारण और निवारण के प्रयासों पर बात करने की बजाय मोदी सरकार की 9 साल की उपलब्धियों का ब्यौरा पेश कर रहे हैं या फिर कांग्रेस के शासनकाल में कब—कब क्या हुआ था उसका इतिहास बता रहे हैं। साढे़ तीन माह से हिंसा की आग में जल रहे मणिपुर को बचाने के लिए उन्होंने क्या किया और आज इस स्थिति को क्यों नहीं रोका जा सका। इसका कोई जवाब उनके पास नहीं है। गृहमंत्री अमित शाह देश को बता रहे हैं कि प्रधानमंत्री मणिपुर की घटनाओं को लेकर इतने चिंतित हैं कि उन्हें नींद से जगा कर स्थिति की जानकारी ले रहे हैं उनका कहना है कि मणिपुर की हिंसा परिस्थिति जन्य है हमें इस पर राजनीति करने की बजाय मणिपुर के लोगों से शांति की अपील करनी चाहिए और विपक्ष पूछ रहा है कि जब हालात इतने खराब हो चुके हैं फिर प्रधानमंत्री एक बार भी मणिपुर क्यों नहीं गए क्यों इस बेकाबू स्थिति को ठीक करने के लिए मणिपुर में सेना का सहयोग नहीं लिया गया? क्यों इस हालात के लिए जिम्मेदार मुख्यमंत्री को उनके पद से नहीं हटाया गया। इन सवालों का जवाब देने की बजाय भाजपा के नेता इस मुद्दे पर विपक्ष को घेर रहे हैं कि राहुल गांधी ने संसद में हिंदुस्तान की हत्या की बात क्यों कहीं, क्यों मणिपुर में हिंसा को राहुल गांधी ने भारत माता की हत्या बताया और कांग्रेस तथा विपक्षी दलों के नेताओं ने उनके इस बयान पर मेज थपथपाई गई। भारत माता की हत्या पर मेज थपथपाने वालों ने अपना नाम इंडिया रख लिया है लेकिन वह हिंदुस्तान के नहीं हो सकते। इस चर्चा में मणिपुर हिंसा की बजाए यह बात हो रही है कि अमेरिका में राहुल किसके साथ थे और उन्होंने क्या कहा या और तो और उनके साथ जीजा जी क्या कर रहे थे? चीन को कांग्रेस और राहुल गांधी का समर्थन किस तरह से मिल रहा है या दिया जा रहा है। वाशिंगटन पोस्ट में क्या छपा था और न्यूज क्लिक ने कब क्या किया और किसके किसके संबंध है और उनका क्या क्या अर्थ है न जाने कहां—कहां से गड़े मुर्दे भाजपा के मंत्री और सांसद विपक्ष की आवाज को दबाने के लिए उछाल रहे हैं। सदन में यह चर्चा मणिपुर हिंसा पर तो हो रही है या फिर 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव पर समझ पाना मुश्किल है। भाजपा महिला सांसदों ने कल लोकसभा अध्यक्ष से राहुल गांधी की अशिष्टता की शिकायत की उन्होंने सदन से जाते समय फ्लाइंग किस किया जो महिलाओं का अपमान है और संसद में की जाने वाली छिछोरी हरकत है, गनीमत है कि उन्होंने राहुल गांधी के खिलाफ मानहानि का केस दर्ज नहीं कराया वरना उन्हें एक बार फिर संसद की सदस्यता से हाथ धोना पड़ जाता। अब लोकसभा अध्यक्ष उन्हें इसकी क्या सजा देते हैं समय ही बताएगा। विपक्ष ने पहले ही साफ कर दिया है कि वह हार जीत के लिए नहीं पीएम को सदन में बुलाने और मणिपुर हिंसा पर बयान देने के लिए अविश्वास प्रस्ताव लाए हैं। लेकिन इसकी जो चर्चा हुई है वह न मणिपुर के लिए है न देश का लोकतंत्र के लिए वह सिर्फ सत्ता के लिए है।

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