संकट में जोशीमठ, सुप्रीम कोर्ट का सुनवाई से इनकार
दरारे आने और चौड़ा होेने से लोग भयभीत
विरोध के बाद दरारें भरने का काम रोका
दो और होटलों में दरारें, खाली कराये गये
जोशीमठ। भू धसाव की जद में आए जोशीमठ के आपदा प्रभावितों की मुश्किलें कम होती दिखाई नहीं दे रही है। जहां एक तरफ कुछ नए भवनों में दरारे आने का सिलसिला जारी है वहीं जिन भवनों में पहले से दरारे हैं वह भी लगातार चौड़ी होती जा रही हैं। जमीन की दरारों को पत्थर मिटृी डालकर भरने में जुटे जिला प्रशासन को आज स्थानीय लोगों के विरोध के बीच काम रोकना पड़ा है, वही दो होटलों के डिस्मेंटल का काम आज पांचवें दिन भी जारी रहा वहीं दो और होटलों में दरारे आने लगी हैं। उधर आज सुप्रीम कोर्ट ने शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती की याचिका पर सुनवाई से इनकार करते हुए उन्हें हाईकोर्ट जाने को कहा गया है।
जोशीमठ आपदा ग्रस्त क्षेत्र में अब दरारों की चौड़ाई मापने के लिए यंत्र लगाने का काम किया जा रहा है जिससे यह पता चल सकेगा कि क्रैक किस गति से बढ़ रहे हैं उधर बदरीनाथ हाईवे पर और कई स्थानों पर दरारे आने के अलावा हिमालयन तथा पंचवटी होटल में दरारें पड़ने की बात सामने आई है। इसके अलावा आवासीय क्षेत्र के कई घरों में आई दरारों से लोग भयभीत हैं क्योंकि आपदा ग्रस्त क्षेत्र का दायरा हर रोज बढ़ता ही जा रहा है। अब तक लोक निर्माण भवन के गेस्ट हाउस से लेकर पोस्ट ऑफिस, कई बैंकों के ऑफिस और औली रोपवे के आधार भवन तक दरारों की जद में आ चुके हैं। लोग अब यह सोचकर परेशान हैं कि अगर यह क्रम जारी रहता है तो हर रोज संकट और अधिक बढ़ता ही जाएगा।
स्थानीय प्रशासन द्वारा जमीन पर आई दरारों को पत्थर और मिटृी डालकर भरने का जो काम किया जा रहा था उसे आज स्थानीय लोगों के विरोध करने पर रोक दिया गया है। जिलाधिकारी चमोली का कहना है कि बारिश और बर्फबारी से नुकसान बढ़ने की संभावना के कारण यह भराव का काम कराया जा रहा था लेकिन स्थानीय लोगों के विरोध के कारण इसे रोकना पड़ा है। जिन दो होटलों में दरारें आई हैं अब उन्हें भी खाली करा लिया गया है।
गुरुद्वारे में दर्जनभर परिवार
जोशीमठ। स्थानीय हेमकुंड साहिब गुरुद्वारा में आपदा प्रभावित दर्जनभर परिवार शरण लिए हुए हैं। जिनका रहना खाना सब कुछ व्यवस्थाएं गुरुद्वारा प्रबंध कमेटी द्वारा ही किया जा रहा है। अभी तक इन लोगों तक सरकार की तरफ से कोई सहायता नहीं पहुंची है। गुरुद्वारा समिति के प्रबंधक सेवा सिंह का कहना है कि दर्जनभर से अधिक परिवार अपना घर छोड़ कर यहां पहुंचे हैं जिनकी व्यवस्था गुरुद्वारे द्वारा ही कराई जा रही है। उधर सुरक्षाबलों और पीड़ित परिवारों के 400 से 500 लोगों के खाने की व्यवस्था गुरुद्वारे में हर रोज की जा रही है प्रभावितों का कहना है कि अभी तक सरकार की ओर से उन तक कोई मदद नहीं पहुंची है।