कोरोना के बाद अब मंकीपाक्स

0
322

कोरोना का खतरा अभी भी सर पर सवार है। भले ही इसे लेकर लोग अब लापरवाह होते दिख रहे हों लेकिन यह लापरवाही कब जान पर भारी पड़ जाये कुछ नहीं कहा जा सकता बेहद कम टेस्टिंग की स्थिति में कोरोना संक्रमण की दर लगातार बढ़ती जा रही है। बात उत्तराखण्ड की करें तो यहंा बीते कल 24 घंटे में 224 नये संक्रमित मिले है। राज्य में सक्रिय मरीजों की संख्या 1645 है तथा दून इसमें सर्वाधिक प्रभावित है जहंा एक हजार से अधिक सक्रिय केस है। कुंभ मेले के समापन के बाद जैसे कोरोना का विस्फोट हुआ वैसा अब अगर कांवड़ मेले के समापन के बाद होता है तो स्थिति गम्भीर हो सकती है। उधर देश में आ चुकी मंकी पाक्स की बीमारी ने सरकार और लोगों की चिंताओं को बढ़ा दिया है। भले ही अभी देश भर में इसके चार ही मरीज हो लेकिन इसमें से एक मरीज की मौत से खतरे की घंटी बज चुकी है। केरल में हुई इस मौत के बाद केन्द्र सरकार ने डा. पाल के नेतृत्व में एक टास्क फोर्स का गठन कर दिया गया है। वहीं सूबे के स्वास्थ्य मंत्री धन सिंह रावत ने भी अधिकारियों को सर्तक रहने के निर्देश दिये गये है। भले ही अभी मंकी पाक्स जैसी बीमारी ने पैर न पसारे हों लेकिन स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार इसका संक्रमण इतनी तेजी से फैलता है की उनकी रोकथाम संभव नहीं होती है दुनिया के लगभग 80 देशों तक पहुंच चुके इस संक्रमण से पीड़ितों की संख्या 22000 से ऊपर जा चुकी है तथा अप्रQीका में 75 लोगों की मौत हो चुकी है। अप्रQीका इस बीमारी से सर्वाधिक प्रभावित देश है। स्पेन—ब्राजील और अमेरिका में भी इसे लेकर हंगामा मचा हुआ है। न्यूयार्क में मंकी पाक्स के 1350 मामले अब तक सामने आ चुके है तथा वहंा आपातकाल की घोषणा की जा चुकी है। संभावना जताई जा रही है कि अब पूरा न्यूर्याक इसकी चपेट में आने से नहीं बच सकेगा। कोरोना के बाद अब न्यूर्याक और कैलीफोर्निया में इसे सबसे बड़ी आपदा माना जा रहा है। उधर विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भी मंकी पाक्स के बढ़ते दायरे को देखते हुए विश्व समुदाय से सावधान होने को कहा गया है तथा मंकी पाक्स को वैश्विक स्वास्थ्य आपातकाल घोषित कर दिया गया है। भारत में बीते कल मंकी पाक्स से पहली मौत को अभी संदिग्ध बताया जा रहा है तथा जांच की रिपोर्ट आने का इंतजार किया जा रहा है लेकिन इसे छिपाया नहीं जाना चाहिए। किसी भी संक्रमण के रोक के पीछे सफाई का सबसे बड़ा रोल होता है। यह एक ऐसा संक्रमण है जो पीड़ित के सम्पर्क में आने से फैलता है। खास बात यह है कि देश और दुनिया के पास अभी मंकी पाक्स का कोई इलाज या टीका नहीं है। कोरोना और अब मंकी पाक्स आम आदमी के जीवन पर बड़ा संकट है जिससे निपटने के लिए जागरूकता और सावधानी जरूरी है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here