फिर भाजपा में जाएंगे हरक!

0
462

राजनीतिक हलकों में चर्चा जोरों पर
भगत दा से मुलाकात बेवजह तो नहीं

देहरादून। राजनीति में सनसनी कहे जाने वाले पूर्व काबीना मंत्री डॉ हरक सिंह रावत फिर एक बार सूबे की राजनीतिक चर्चाओं के केंद्र में हैं। चर्चा है कि डॉ हरक सिंह रावत एक बार फिर कांग्रेस का साथ छोड़कर भाजपा का दामन थामने जा रहे हैं।
इस चर्चा को बेवजह की चर्चा नहीं कहा जा सकता है, भाजपा के वरिष्ठ नेता और महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोशियारी से गुपचुप तरीके से की गई उनकी मुलाकात ने इस चर्चा को बल दिया है। खास बात यह है कि कांग्रेस में आने के बाद लगभग राजनीति के हाशिए पर आ चुके डॉ हरक सिंह रावत बीते कल अचानक प्रकट हुए और वह सुबह सवेरे न सिर्फ डिफेंस कॉलोनी स्थित भगत दा के आवास पर उनसे मिलने पहुंच गए बल्कि दोपहर बाद अपने आवास पर पूर्व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रीतम व अन्य नेताओं के साथ नजर आए। कांग्रेस नेताओं की इस बैठक के बाद उन्होंने कांग्रेस पर कमजोर विपक्ष होने का भी आरोप लगाया।
भगत दा जो भाजपा के एक माहिर रणनीतिकार माने जाते हैं उनके साथ डॉ हरक सिंह की गुपचुप मीटिंग और फिर अपनी पार्टी कांग्रेस के खिलाफ बयान बाजी दोनों को जोड़कर देखा जाए तो यही लगता है कि वह एक बार फिर कभी भी भाजपा मुख्यालय में भगवा पट्टे और गुलदस्ते के साथ नजर आ सकते हैं। हो तो यह भी सकता है कि वह अपने साथ कुछ और भी कांग्रेसी नेता और विधायकों को भी भाजपा में ले जाएं। कांग्रेस में क्योंकि इन दिनों भगदड़ जैसे हालात है। हर किसी का जैसे कांग्रेस से मोहभंग हो चुका है और हर किसी को अब कांग्रेस में अपना कोई भविष्य नजर नहीं आ रहा है बीते कल आर पी रतूड़ी और कमलेश रमन कांग्रेस छोड़कर आप में चले गए इससे पूर्व जोत सिंह बिष्ट भी आप में जा चुके हैं। वैसे भी भाजपा ने 2024 के आम चुनाव से पूर्व मिशन कांग्रेस सफाया छेड़ रखा है। महाराष्ट्र और गोवा इसका उदाहरण है। भले ही उत्तराखंड में कांग्रेस सत्ता से दूर सही लेकिन चुनावी दौर न होने के बावजूद भी कांग्रेसी कांग्रेस छोड़कर भाग रहे हैं।
2022 विधानसभा चुनाव से पूर्व डॉ हरक सिंह को भाजपा से निकाल दिया गया था अगर उन्हें भाजपा ने निकाला न होता तो वह शायद कांग्रेस में आते भी नहीं। कांग्रेस में फिर आना उनकी मजबूरी ही था लेकिन इसका उन्हें कोई फायदा नहीं हुआ। उन्हें तो टिकट भी नहीं मिला और अपनी पुत्रवधू अनुकृति जिसे टिकट मिला उसे भी वह चुनाव जिता नहीं सके। घर पर वह खाली बैठ नहीं सकते ऐसे में उनकी भाजपा में फिर वापसी ही उन्हें एक विकल्प दिख रही है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here