खटीमा बनेगा सियासत का कुरुक्षेत्र

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सीएम खटीमा में सबसे अधिक सक्रिय
कांग्रेस खटीमा से शुरू करेगी परिवर्तन यात्रा

देहरादून। यूं तो खटीमा उत्तराखंड आंदोलन के समय से ही राजनीति का केंद्र रहा है भले ही अब राज्य के नेताओं और दलों ने इस तरफ ध्यान न दिया हो लेकिन खटीमा विधायक पुष्कर सिंह धामी को भाजपा द्वारा मुख्यमंत्री बनाए जाने के बाद अब खटीमा न सिर्फ सबसे हॉट सीट बन गई है अपितु 2022 के विधानसभा चुनाव के मद्देनजर सियासी संग्राम का कुरुक्षेत्र भी बन गया है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के युवा नेतृत्व में चुनाव में जाने की तैयारी में जुटी भाजपा धामी के चेहरे पर ही चुनाव लड़ने जा रही है। पुष्कर धामी खुद भी अपनी खटीमा सीट से ही चुनाव मैदान में उतरने की तैयारियों में जुटे हैं आए दिन होने वाले उनके खटीमा क्षेत्र के दौरे भी यही बताते हैं। आज भी मुख्यमंत्री अपने दो दिवसीय दौरे पर खटीमा गए हुए हैं जहां वह क्षेत्र के अपने कार्यकर्ताओं से मिलेंगे और कल रक्षाबंधन कार्यक्रम में भाग लेकर महिलाओं से रक्षा सूत्र बंधुवाएंगे। भले ही सीएम यह कहे कि वह तो मुख्य सेवक होने के नाते हर क्षेत्र में जा रहे हैं लेकिन उनके खटीमा दौरे को उनके जनसंपर्क अभियान के लिए ही देखा जा रहा है।
उधर कांग्रेस ने अपनी चुनावी रणनीति में पुष्कर सिंह धामी को उनके ही घर में घेरने की रणनीति तैयार की है। कांग्रेस प्रदेश में शुरू होने वाली अपनी परिवर्तन यात्राओं का शुभारंभ खटीमा से ही करने जा रही है। जो 3 से 6 सितंबर तक चलेगी। खटीमा से शुरू होने वाली इस परिवर्तन यात्राओं पर जब पूर्व प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह से पूछा गया कि क्या यह सीएम को उनके ही घर में घेरने की तैयारी है तो उन्होंने कहा कि हम किसी को भी नहीं घेर रहे हैं। खटीमा का अपना विशेष महत्व है राज्य आंदोलन में खटीमा की जो भूमिका है उसे भुलाया नहीं जा सकता है इसलिए हम खटीमा से अपनी परिवर्तन यात्रा शुरू करने जा रहे हैं।
नेता भले ही खटीमा को लेकर कुछ भी कहे लेकिन इसमें अब कोई संदेह नहीं है कि 2022 के चुनाव में सबसे बड़ी सियासी जंग खटीमा में ही होने जा रही है। कांग्रेस ने यहां धामी के खिलाफ चुनाव में कौन होगा इस पर चिंतन मंथन शुरू कर दिया है। वहीं भाजपा और मुख्यमंत्री धामी का भी सबसे अधिक फोकस खटीमा पर ही है।

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