प्रदेश की राजधानी देहरादून में ठगों का जाल लगातार फैलता जा रहा है। तमाम हिदायतों के बावजूद लोग ठगी का शिकार हो रहे हैं इन लोगों में वह लोग भी शामिल है जो उच्च वर्ग से आते हैं लेकिन फिर भी ठगी का शिकार बन जाते हैं। राजधानी देहरादून में रोजाना ही ठगी के कई मामले सामने आ रहे हैं लेकिन फिर भी लोग जागरुक नहीं हो पा रहे हैं। साइबर क्राइम के ऐसे मामलों का एसटीएफ तकरीबन हर रोज ही खुलासा कर रही है इसके बावजूद रोजाना नए मामले सामने आ रहे हैं। बीते रोज भी राजधानी में एसटीएफ द्वारा कुत्ते की खरीदारी को लेकर किया गया साइबर फर्जीवाड़ा सामने आया। जिसमें विदेशी कुत्ता खरीदने को लेकर एक महिला से अफ्रीकन नागरिक ने 66 लाख की ठगी को अंजाम दिया गया था जिसे एसटीएफ द्वारा दबोच लिया गया है। इसी तरह राजधानी के अन्य कई लोग भी साइबर क्राइम का शिकार बन रहे हैं उनके खातों से रकम उड़ रही है और वह फिर पुलिस की शरण में जा रहे हैं। साइबर क्राइम के अलावा राजधानी में कई ऐसे ठग गिरोह भी सक्रिय हैं जो नौकरी जमीन आदि के नाम पर लोगों से लाखों की ठगी कर लेते हैं और ठगी का शिकार हुए लोग पुलिस के चक्कर काटते रहते हैं। कुछ मामलों का खुलासा तो हो ही जाता है लेकिन कई मामलों में आरोपियों के फरार होने के चलते मामले लटके रह जाते हैं। इस तरह की ठगी से बचने के लिए लोगों को खुद ही सचेत रहना होगा। नौकरी का झांसा देकर पैसे लेने वालों की बातों में आकर लोग अपनी मेहनत की कमाई उड़ा देते हैं। इस तरह के समाचार अखबारों में आने के बाद भी लोग सबक नहीं ले रहे हैं और अच्छी नौकरी के चक्कर में अपना व अपने परिजनों का पैसा गंवा देते हैं। ऐसे में आखिर पुलिस भी कितने लोगों को सतर्क करेगी और कितनों की रकम वापस दिलवायेगी। लोगों को खुद ही ऐसे ठगों का शिकार बनने से सावधान रहना होगा तभी अपनी मेहनत की कमाई को बचाया जा सकता है अन्यथा साइबर क्राइम का जिस तरह से जाल फैलता जा रहा है उससे हर कोई उनकी ठगी का शिकार बन जाएगा।