बढ़ती महंगाई पर नियंत्रण जरूरी

0
464

एक तरफ कोरोना ने आम आदमी के रोजगार को चौपट कर दिया है वहीं दूसरी तरफ बढ़ती महंगाई अब उसकी मुश्किलें बढ़ा रही है। ऐसी स्थिति में देश का निम्न और निम्न मध्यम वर्ग जो देश की आबादी का 40 फीसदी है रोजी रोटी के संकट से जूझ रहा है। खास बात यह है कि इस महंगाई को लेकर आज न तो सरकार चिंतित है और विपक्ष की आवाज कहीं सुनाई दे रही है। आम आदमी की जिंदगी से सीधे तौर पर जुड़े इस मुद्दे पर कभी देश की सरकारें बदल जाती थी लेकिन आज जब उत्तर प्रदेश सहित पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं सभी राजनीतिक दलों ने चुप्पी साध रखी है। देश में पेट्रोलियम पदार्थों और खाघ तेलों की कीमतों ने अपने पिछले सभी रिकॉर्ड तोड़ डाले हैं पेट्रोल 100 और डीजल 90 प्रति लीटर तथा खाघ तेल 200 से ढाई सौ रूपये प्रति लीटर के उच्चतम भाव पर पहुंच गए हैं तथा उनमें बढ़ोतरी थमने का नाम नहीं ले रही है फिर भी सत्ता में बैठे लोगों का इस तरफ कोई ध्यान नहीं है। दाल, आटा, चावल, चीनी से लेकर फल और सब्जियों की कीमतें बीते 2 माह में 10 से 3 फीसदी तक बढ़ गई है जिसका प्रभाव गरीब व मध्यम वर्ग के लोगों पर पड़ रहा है। उनके सामने घर में चूल्हा कैसे जले इसकी समस्या दिनोंदिन गंभीर होती जा रही है। कोरोना काल में डेढ़ करोड़ लोगों का रोजगार छिन चुका है। शहरों में दिहाड़ी मजदूरी करके तथा रेडी पटरी पर छोटे छोटे व्यापार करके अपने परिवार चलाने वाले लोग बीते 3 माह से बेकार पड़े हैं उनका कोई काम धंधा नहीं चल रहा है। कारखानों और फैक्ट्रियों में तथा होटल—रेस्टोरेंटों में काम करने वाले भी आर्थिक तंगी की मार झेल रहे हैं। इन गरीब व बेरोजगार कामगारों की आर्थिक मदद के नाम पर सरकार इनको जो भी मदद कर रही है वह ऊंट के मुंह में जीरा जैसे ही है। देश की कुल आबादी का 40 फीसदी यह मजदूर और कामगार अभी इस स्थिति में पहुंच गए हैं कि उन्हें कर्ज लेकर अपना गुजर—बसर करना पड़ रहा है। यह कहना गलत नहीं होगा कि कोरोना काल में सबसे अधिक मुसीबतें इसी वर्ग को झेलनी पड़ी है। कोरोना की मार ने इन्हें गरीबी की ऐसी अंधेरी खाई में धकेल दिया है जहां से बाहर निकलने में उन्हें कई साल का समय लगेगा। वर्तमान संकट से इन्हें बाहर लाने के लिए सरकार भले ही इनकी कोई आर्थिक मदद करें न करें लेकिन उसे बढ़ती महंगाई पर नियंत्रण के प्रभावी उपाय करने की जरूरत है। पेट्रोल और डीजल की बढ़ती कीमतों पर तत्काल नियंत्रण की जरूरत है। वही रसोई गैस व अन्य खाघ पदार्थों की कीमतों को काबू में किया जाना चाहिए।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here