देहरादून। एक युवती के पत्र पर प्रधानमंत्री ने जिस जंगल में लाईटें लगवा दी थी, वर्तमान में वहां अंधेरा ही अंधेरा है। ग्रामीणों ने अधिकारियों से लेकर सीएम तक गुहार लगा दी लेकिन कहीं सुनवायी नहीं हो रही है। जो काफी दुर्भाग्य की बात है।
गौरतलब है कि जाखन से जोहडी गांव की तरफ जाने वाले रास्ते में चढाई खत्म होते ही जंगल शुरू हो जाता है। यह जंगल नशेडियों, भंगेडियों के लिए स्वर्ग की तरह है। यहां पर जंगल के अंदर बैठकर वह अपने नशे की पूर्ति करते हैं तथा अंधेरा तो मानों इनके लिए वरदान साबित होता है। अंधेरे में इनको देखने वाला कोई नहीं होता और आम आदमी वहां रूकने की जरूरत तक नही करता है।
लगभग दो वर्ष पूर्व एक युवती ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को एक पत्र लिखकर सारी व्यथा लिख दी थी। जिसको काफी गम्भीरता से लेते हुए प्रधानमंत्री की पहल पर वहां पर लाईटें लगवायी गयी थी। जिससे वह जंगल का इलाका रोशन हो गया और आम जन को वहां से गुजरने में कोई परेशानी नहीं होने लगी थी। अब वह जगह नशेडियों व असामाजिक तत्वों के लिए खतरा बन गयी थी तथा वह खुलेआम अब कुछ भी कर पा रहे थे। इसी दौरान नशेडियों की मुराद पूरी हो गयी और वहां लगी लाईटें खराब हो गयी तथा एक बार फिर से वहां पर अंधेरे का राज कायम हो गया। ग्रामीणों ने इस बात की शिकायत स्थानीय स्तर पर कई बार विभागीय अधिकारियोे से की लेकिन अधिकारियों ने एक कान से सुनी दूसरे कान से निकाल दी। इसके बाद कुछ जागरूक ग्रामीणों ने इसकी शिकायत मुख्यमंत्री पोटर्ल पर भी डाल दी लेकिन वहां भी कोई सुनवायी होती नहीं दिखायी दी। अब सोचने वाली बात है कि जहां प्रदेश सरकार मोदी के सपनों को साकार करने के लिए कटिबद्ध दिखायी दे रही है वहीं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जिस जगह को गुलजार किया था वहां वर्तमान में अंधेरा छा रखा है इसकी तरफ किसी का ध्यान क्यों नही जा रहा यह अपने आप में सोचने की बात है।