राज्य में जल्द लागू होने वाला है यूसीसी

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  • दीपावली के बाद बुलाया जा सकता है विशेष सत्र
  • आंदोलनकारियों का क्ष्ौतिज आरक्षण बिल भी होगा पास

देहरादून। उत्तराखंड में यूनिफार्म सिविल कोड जल्द लागू होने वाला है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार समिति दो—चार दिनों में अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंप देगी, वहीं दीपावली के बाद सरकार विधानसभा में विशेष सत्र बुलाकर यूसीसी और आंदोलनकारियों के क्ष्ौतिज आरक्षण विधेयकों को पारित कर सकती है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा एक ट्यूट के माध्यम से राज्य में जल्द यूसीसी लागू होने की बात कही गई है। जिसे लेकर अभी भी कयास लगाए जा रहे हैं कि यूसीसी का ड्राफ्ट कमेटी द्वारा सरकार को सौपंा जा चुका है। काबीना मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल द्वारा दिए गए एक बयान के अनुसार सरकार दीपावली के बाद विशेष सत्र बुलाने की तैयारी कर रही है जिसमें यूनिफॉर्म सिविल कोड और क्ष्ौतिज आरक्षण बिल पर मुहर लगायी जा सकती है।
मुख्यमंत्री बीते कुछ दिनों में कई बार यह कह चुके हैं कि राज्य में जल्द ही यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू हो जाएगा। जिसके बाद राज्य की सामाजिक स्थितियों में भी भारी बदलाव देखने को मिलेगा। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार सरकार दीपावली की छुटिृयों के बाद एक सप्ताह के अंदर विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने की तैयारी कर चुकी है जिसमें यूसीसी और आंदोलनकारियों के क्ष्ौतिज आरक्षण बिलों को पास कराया जा सकता है।
यहां यह भी उल्लेखनीय है कि राज्य आंदोलनकारियों द्वारा क्ष्ौतिज आरक्षण बिल को प्रवर समिति को सौंपें जाने पर भी सवाल उठाए गए थे। आरोप था कि सरकार इस लटका कर रखना चाहती है लेकिन अब प्रवर समिति अपनी रिपोर्ट विधानसभा अध्यक्ष को सौंप चुकी है। और यूसीसी का ड्राफ्ट भी तैयार हो चुका है तो क्यों न विधानसभा का विशेष सत्र बुलाकर इन दोनों विधेयकों को पारित कर दिया जाए। अगर ऐसा होता है तो राज्य में इसी माह यूसीसी लागू हो जाएगा।
जहां तक इन यूसीसी के ड्राफ्ट में क्या—क्या कुछ निहित है इस पर भी चर्चाएं शुरू हो चुकी है बिल में बहु विवाह पर प्रतिबंध से लेकर लिव इन रिलेशन की जानकारी सार्वजनिक करने व पंजीकृत करने तथा बेटियों को पिता की संपत्ति में बराबर का अधिकार देने जैसी तमाम बातों का प्रावधान किया गया है। यूसीसी के लिए गठित कमेटी जिसका कार्यकाल अभी बढ़ाया गया था वह भी अपने दून कार्यालय से सामान समेट चुकी है तथा उसका काम बहुत पहले समाप्त हो चुका है। अगर इसी माह उत्तराखंड में यूसीसी लागू होता है तो गोवा के बाद उत्तराखंड देश का दूसरा राज्य होगा जहां सभी के लिए समान कानून होंगे।

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