केदारनाथ मार्ग पर भूस्खलन की चपेट में आए तीन यात्रियों की मौत

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  • आठ लोग घायल, रेस्क्यू कर भेजा अस्पताल
  • गंगोत्री व बद्रीनाथ मार्ग भी भूस्खलन से बंद
  • 48 घंटे प्रदेश में भारी बारिश का अलर्ट

देहरादून। उत्तराखंड में मानसूनी आपदा का कहर जारी है। राज्य में हो रही भारी बारिश से पहाड़ दरक रहे हैं। भूस्खलन और नदियों के ऊफान से हो रहे भू कटाओ से जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हो रहा है। कई क्षेत्रों में बाढ़ जैसे हालात बने हुए हैं तथा आवासीय क्षेत्रों में जल भराव से घरों में भी पानी घुस रहा है। आज सुबह केदारनाथ पैदल मार्ग पर पहाड़ से मलवा और बोल्डर आने से उसकी चपेट में आए यात्रियों में से तीन की मौके पर ही मौत हो गई जबकि आठ लोग गंभीर रूप से घायल हो गए जिन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
मौसम विभाग व शासन—प्रशासन की चेतावनी के बावजूद भी धामों में यात्रियों के पहुंचने का सिलसिला लगातार जारी है। आज सुबह केदारनाथ घाटी में बारिश के बीच गौरीकुंड से केदारनाथ पैदल जा रहे यात्रियों पर अचानक पहाड़ से मलवा वह बोल्डर आ गये। यह दुर्घटना गौरीकुंड से लगभग 3 किलोमीटर आगे चीरवासा में हुई जिसमें तीन श्रद्धालुओं की मौत हो गई जबकि आठ लोग घायल हो गए। जिन्हें एनडीआरफ, एसडीआरएफ व पुलिस के जवानों ने रेस्क्यूं कर बाहर निकाला और इलाज के लिए अस्पताल भिजवाया है। मलवा आने से मार्ग पर आवाजाही ही बंद हो गई है।
उत्तरकाशी से प्राप्त समाचार के अनुसार गंगोत्री हाईवे पर किशनपुर के पास पहाड़ से भारी भूस्खलन होने के कारण मार्ग बंद हो गया है। जिसे खोलने का बीआरओ द्वारा प्रयास किया जा रहा है। उधर चमोली से प्राप्त समाचार के अनुसार बदरीनाथ हाईवे पर पागल नाला और गुलाब कोटी के पास आज पहाड़ से मलवा आने से आवाजाही ठप हो गई है। उधर प्राणमति नाले ने भी थराली क्षेत्र में भारी तबाही मचा रखी है।
खास बात यह है की मौसम विभाग द्वारा आगामी 48 घंटे में राज्य में भारी से भी भारी बारिश होने की रेड अलर्ट जारी किया गया है। जानकारी के अनुसार मौसम विभाग द्वारा बादल फटने और भूस्खलन की घटनाएं बढ़ने के साथ आसमानी बिजली से भी भारी नुकसान की आशंका जताई गई है। सूबे के दोनों ही मंडलों में आगामी 48 घंटे में भारी बारिश होने की संभावना है जिसके मद्देनजर शासन—प्रशासन को हाई अलर्ट पर रखा गया है।

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