समिट प्रदेश के चौमुखी विकास में मील का पत्थर साबित होगाः महाराज

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देहरादून। पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि समिट उत्तराखण्ड के चौमुखी विकास में मील का पत्थर साबित होगा।
आज यहां टूरिज्म और एविएशन क्षेत्र में राज्य की प्रगति और समृद्धि के विकास विषय पर आधारित द्वितीय सत्र आयोजित हुआ। सत्र में उत्तराखंड राज्य की टूरिज्म क्षेत्र में क्षमताओं के विकास, हिमालयी क्षेत्रों में पर्यटन विकास में एविएशन की भूमिका, एस्ट्रो टूरिज्म आदि विषयों पर विस्तार से चर्चा की गई। पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि राज्य में आयोजित ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट उत्तराखंड के चौमुखी विकास में मील का पत्थर साबित होगा। जितने भी करार देश के विभिन्न संस्थानों ने राज्य सरकार एक साथ किए है, यह राज्य में रोजगार सृजन कर आर्थिकी को सशक्त करेगी। वही राज्य के साथ हुए सभी करार निवेशकों की राज्य में पारदर्शिता और सुशासन को दर्शाते है। आध्यात्मिक, एस्ट्रो, ईको, मेडिकल, धार्मिक, साहसिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए लगातार प्रयास जारी है। यहां आने वाले तीर्थयात्रियों की यात्रा सुलभ, सुगम और सरल हो, इसके लिए सरकार प्रतिबद्ध है। आदि कैलाश और पर्वत के निकट स्थित गुंजी को शिवनगरी के रूप में विकसित किया जा रहा है। भविष्य में कॉर्बेट के सीताबनी में टोटल एनिमल किंगडम के रूप में विकसित किए जाने की बात भी कही। उन्होंने कहा कि देश के साथ ही विदेशी लोग गंगा आरती, गुरुजनों से मिलने धर्म नगरी हरिद्वार आते है। सचिव पर्यटन सचिन कुर्वे ने राज्य में बढ़ते पर्यटन अवसर पर विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि उत्तराखंड पर्यटन का राज्य की जीडीपी में लगभग 15 प्रतिशत योगदान है वही राष्ट्र की जीडीपी में 06 प्रतिशत की भागीदारी है। आज उत्तराखंड वैश्विक स्तर पर टूरिज्म हब बन चुका है। पिछले साल 49 मिलियन घरेलू पर्यटक उत्तराखंड आए वहीं विदेशो से 55 हजार विदेशी पर्यटक आए। सोलो वूमेन ट्रैवलर के लिए सर्वाधिक सुरक्षात्मक राज्य का खिताब भी उत्तराखंड ने अपने नाम कर लिया है। स्टारस्केप के फाउंडर रामाशीष रे ने बताया कि कौसानी में एस्ट्रो टूरिज्म चल रहा है। पूरे भारत में उनकी 64 ऑब्जरवेटरी इस क्षेत्र में कार्य कर रही है। राजस एयरोस्पोर्ट्स एंड एडवेंचर लिमिटेड प्राइवेट लिमिटेड के सीईओ मनीष सैनी ने बताया कि उत्तराखंड शासन और प्रशासन के सहयोग से ऋषिकेश में 2013—14 में एयरसाफरी शुरू की थी। यह इंडिया की पहली एयरसफारी थी जिसमे ऋषिकेश से उत्तराखंड की छिपी हुई सुंदरता को पर्यटकों को दिखाने का कार्य शुरू हुआ था। उन्होंने बताया की इसी माह के अगले सप्ताह में राज्य में जायरो कॉप्टर सेवा की शुरुआत भी की जा रही है जो की भारत और दक्षिण एशिया की पहला जेयरोकॉप्टर सफारी होगी।

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