सिलक्यारा मिशन जिंदगी जारी : चालीस घंटे से रेस्क्यू कार्य ठप

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  • कई विकल्पों पर माथापच्ची जारी
  • पीड़ित परिजनों में चिंता व बेचैनी

उत्तरकाशी। सिलक्यारा सुरंग में फंसे लोगों को बचाने के लिए चलाये जा रहे रेस्क्यू ऑपरेशन को रुके हुए चालीस घंटे का समय होने को है। लेकिन ड्रिलिंग और पाइप डालने का काम रुका हुआ है। कल दिल्ली से मंगाई गई हाई पावर आगर मशीन में आई तकनीकी दिक्कत के बाद काम को रोक दिया गया था जिसे अभी तक शुरू नहीं किया जा सका है। जिसके कारण सुरंग में फंसे लोगों के परिजनों का गुस्सा और चिंता बढ़ती जा रही है। उधर कल इंदौर से मंगाई गई आगर मशीन के कल पुरजों से लदे ट्रक भी दुर्घटना स्थल पर पहुंच गए हैं जिन्हें अब स्टॉल किए जाने का काम किया जा रहा है। रेस्क्यू कार्य कब शुरू हो पाएगा? इसके बारे में अभी कोई पुख्ता जानकारी नहीं दी गई है।
पीएमओ की निगरानी में किया जा रहा रेस्क्यू कार्य को आगे बढ़ाने और अन्य विकल्पों पर चिंतन मंथन के लिए अधिकारियों और जियो लॉजिकल विभाग की टीम ने आज सुरंग के ऊपरी हिस्से का सर्वे किया और इस बात की संभावनाएं तलाश करने की कोशिश की कि क्या सुरंग के ऊपर से ड्रिलिंग के जरिए सुरंग में फंसे लोगों तक पहुंचा जा सकता है वहीं क्या वर्तमान सुरंग के वर्टिकल कोई छोटी सुरंग बनाई जा सकती है जिससे फंसे हुए लोगों को बाहर निकाला जा सके।


एनएचआईडीसीएल के डायरेक्टरअंशु मालिक से जब यह पूछा गया कि ऑपरेशन क्यों रोका हुआ है और कब शुरू होगा तो उन्होंने कहा कि जिस आगर मशीन से अब तक काम चल रहा था वह बहुत हाई पावर मशीन है उसके सुरंग में चलने से इतना अधिक वाइब्रेशन हो रहा है कि सुरंग में दरारें आने लगी है तथा कंपन से मलवा भी बाहर की ओर आ रहा है किसी दूसरे हादसे की आशंका के मद्देनजर काम रोका गया है लेकिन यह काम जारी रखा जाएगा। इंदौर से मंगाई गई मशीन के बारे में उन्होंने कहा कि यह मशीन स्टैंडबाई में रखी जाएगी अगर किसी कारणवश पहले मशीन काम न कर पाए तो दूसरी मशीन से काम किया जा सके। उन्होंने यह भी भरोसा जरूर दिलाया कि काम जारी रहेगा, दूसरे विकल्प तलाशे जाने के बारे में किए गए सवाल पर उन्होंने कहा कि हमें किसी भी स्थिति से निपटने के लिए नए विकल्प तो तैयार करने ही पड़ेंगे। क्योंकि ऐसी स्थिति में कब क्या होता है इसका कोई भरोसा नहीं होता। उधर जो लोग सुरंग में फंसे हैं उनके परिजनों के यहां पहुंचने का सिलसिला भी जारी है वह अपनों से पाइप के जरिए बात भी कर रहे हैं तथा यह जानकर कि वह सुरक्षित है उन्हें संतोष भी है लेकिन रेस्क्यू में लंबे होते समय के कारण वह चिंतित व बेचैन भी हैं।

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