देहरादून। प्रदेश उघोग एवं व्यापार मंडल समिति उत्तराखंड और राज्य कर आयुक्त के बीच हुई बैठक में आज व्यापारियों के समक्ष आ रही समस्याओं पर चर्चा की गई।
आज व्यापार मंडल समिति के शिष्टमंडल ने प्रदेश महामंत्री विनय गोयल के नेतृत्व में उत्तराखंड राज्य कर आयुक्त जीएसटी अहमद इकबाल तथा अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक की। इस दौरान व्यापारियों ने अवगत कराया कि वर्ष 2017—18 की अवधि में 1 अप्रैल 2017 से लेकर 30 जून 2017 तक प्रदेश में वैट अधिनियम लागू था तत्पश्चात 1 जुलाई 2017 से जीएसटी अधिनियम लागू किया गया। दिनांक 30 जून 2017 को अंतिम स्टॉक पर सभी व्यापारियों द्वारा 1 जुलाई से प्रारंभ होने वाले जीएसटी अधिनियम के अंतर्गत जीएसटी का भुगतान किया है। परंतु उत्तराखंड में अधिकारियों द्वारा वैट अधिनियम की गलत व्याख्या करते हुए वर्ष 2017—18 की प्रथम तिमाही का कर निर्धारण करते हुए 30 जून 2017 को शेष अंतिम स्टाक पर भी वैट का आकलन कर वैट का भुगतान किए जाने के आदेश पारित किए जा रहे हैं। प्रदेश अध्यक्ष विनय गोयल ने कर आयुक्त के समक्ष व्यापारी की दुर्घटना के दौरान हुई मृत्यु से संबंधित इंश्योरेंस क्लेम का मुद्दा भी प्रमुख रूप से रखा और सुझाव दिया कि इंश्योरेंस क्लेम के लिए इंश्योरेंस कंपनी को इसकी जिम्मेदारी ना देकर व्यापारी कल्याण निधि बोर्ड के अंतर्गत एकत्र किए गए जीएसटी की आधा प्रतिशत धनराशि को सुरक्षित रखते हुए दुर्घटना होने पर व्यापारी को सुरक्षा प्रदान की जाए। जिस पर आयुक्त द्वारा इस विषय पर सकारात्मक निर्णय लिए जाने का आश्वासन दिया गया।
बैठक में प्रदेश उघोग व्यापार मंडल समिति की ओर से प्रदेश महामंत्री विनय गोयल, प्रदेश संयोजक राजेंद्र प्रसाद गोयल, गढ़वाल प्रभारी विनोद गोयल, महानगर देहरादून उपाध्यक्ष महावीर प्रसाद गुप्ता, महानगर देहरादून महामंत्री विवेक अग्रवाल, कार्यकारिणी सदस्य सुधीर अग्रवाल तथा विभाग की ओर से राज्यकर आयुक्त अहमद इकबाल, एडिशनल कमिश्नर विपिन चंद्रा, ज्वाइंट कमिश्नर, अनिल सिंह, ज्वाइंट कमिश्नर प्रमोद जोशी, ज्वाइंट कमिश्नर अनुराग मिश्रा, असिस्टेंट कमिश्नर दीपक बृजवाल सम्मिलित थे।