पौंधा में प्लाट खरीदने वाले अधिकारियों में हड़कंप

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  • जिला प्रशासन ने कहा जांच कराएंगे
  • प्रॉपर्टी डीलर का दावा कुछ गलत नहीं किया

देहरादून। विकास नगर पौंधा में अवैध रूप से जमीन कब्जा कर प्लाटिंग किए जाने का खुलासा होने पर उत्तराखंड प्रशासन में हड़कंप मचा हुआ है। जिस जमीन पर प्लाटिंग की गई है वह वैध या अवैध है इस मामले में अभी जिला प्रशासन भी कोई स्पष्ट जवाब नहीं दे पा रहा है जिसके कारण वह दो दर्जन से अधिक पूर्व और वर्तमान अधिकारी इस बात को लेकर चिंतित है कि कहीं उनके साथ कोई धोखाधड़ी तो नहीं हो गई है क्योंकि यहां उन्होंने या उनके सगे संबंधियों ने भी प्लॉट खरीद रखे हैं।
इस मामले को लेकर जिलाधिकारी दून सोनिका का कहना है कि 2022 में गढ़वाल कमिश्नर के आदेश पर इसकी जांच करा कर आख्या दी जा चुकी है वहीं वह यह भी कह रही है कि मामले की जांच कराई जाएगी? जिसके कारण स्थिति स्पष्ट नहीं हो पा रही है। उल्लेखनीय है कि आरटीआई कार्यकर्ता विनेश नेगी द्वारा इस मामले का खुलासा करते हुए इस जमीन को अवैध तरीके से कब्जाया गया बताया गया था। तथा जमीन गोल्डन फॉरेस्ट, वन विभाग और एससी—एसटी का होने व अवैध तरीके से बिना शासन—प्रशासन की अनुमति के डेढ़ सौ पेड़ों का कटान करने की बात कही गई थी। इस खबर के आम होते ही सूबे के शासन—प्रशासन में हड़कंप मच गया, क्योंकि इस प्लाटिंग में दो दर्जन के आसपास पूर्व व वर्तमान आईएएस—आईपीएस अधिकारियों और उनके सगे संबंधियों ने भी प्लॉट ले रखे हैं। जिससे यह भी सवाल खड़े हो रहे हैं कि जिन अधिकारियों पर जमीनों की धोखाधड़ी रोकने की जिम्मेदारी है उन्होंने बिना जांच पड़ताल कैसे प्लाट खरीद लिए।
उधर आज इस जमीन के मालिक और प्लाटिंग करने वाले इंद्र सिंह बिष्ट भी अपने वकीलों के साथ पत्रकारों के बीच आए और विनेश नेगी के सभी आरोपों का खंडन करते हुए कहा कि सभी आरोप निराधार हैं। उन्होंने सभी काम नियम व कानून संवत तरीके से किए हैं जिनके दस्तावेजों के साक्ष्य उनके पास मौजूद है। उन्होंने कहा कि यह प्लाटिंग 300 नहीं 147 बीघा जमीन पर की गई है। साथ ही उन्होंने इसमें गोल्डन फॉरेस्ट या किसी एससी—एसटी के व्यक्ति की जमीन होने से भी इन्कार किया और पेड़ों के कटान के संबंध में कहा कि डेढ़ सौ नहीं 25—30 पेड़ जो प्लाटिंग में आ रहे थे, परमिशन लेने के बाद ही काटे गए हैं। उनके वकीलों ने भ्रामक खबर फैलाने और अपने मुवक्किल की छवि खराब करने की कोशिश करने के आरोप भी आरटीआई कार्यकर्ता पर लगाया व कानूनी कार्रवाई करने की बात कही है।

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