नॉनवेज रेस्त्रां व ढाबों को अब लिखना होगा `मांस झटका है या हलाल’

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हिंदू सिख समुदाय की शिकायत पर राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग ने लिखा उत्तराखंड सरकार को पत्र

देहरादून। दिल्ली, हरियाणा, पंजाब सहित अन्य राज्यो की तरह अब उत्तराखंड में भी मांसाहारी व्यंजन परोसने वाले रेस्त्रां और भोजनालयों को अपने यहां एक पोस्टर लगाकर लिखना होगा कि हम झटका मांस परोस रहे है या फिर हलाल, इस आशय के निर्देश उत्तराखंड सरकार को राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग से मिले एक पत्र के बाद जारी कर दिये गए है।
उत्तराखंड सिख कॉर्डिनेशन कमेटी के अध्यक्ष गुरदीप सिंह सहोता ने राष्ट्रीय अल्प संख्यक आयोग को एक पत्र लिख कर यह निवेदन किया था कि उत्तराखण्ड में जहां जहां भी रेस्त्रां भोजनालय में मांस के व्यंजन परोसे जाते है वहां स्पष्ट लिखा होना चाहिए कि यहां हलाल मीट है अथवा झटका। स. सहोता ने कहा था कि सिख हिंदू धर्म के लोग हलाल मांस का सेवन नहीं करते है। उनका कहना था कि दिल्ली पंजाब और अन्य राज्यो में ऐसा बोर्ड लिखा जाता है अथवा मेन्यू में इस बात का स्पष्ट उल्लेख होता है।
स. सहोता के पत्र के बाद राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष स.इकबाल सिंह लालपुरा ने उत्तराखंड शासन को इस आशय का पत्र जारी करते हुए निर्देशित किया है कि वह राज्य में इस व्यवस्था को सुनिश्चित कराये।
वहीं मामले में सिख कॉर्डिनेशन कमेटी के अध्यक्ष गुरदीप सिंह सहोता का कहना है कि 18 जनवरी 2023 को पत्र जारी होने के बाद भी सरकार की तरफ से उस पर अब तक कोई कारवाई नही हुई है। जिस पर हम लोगों द्वारा अपर प्रमुख सचिव राधा रतूड़ी से मुलाकात की गयी थी, उन्होंने बताया कि उक्त पत्र के विषय के अनुपालन के संदर्भ में हमने डीजीपी, जिलों के एसएसपी को लिख दिया है। स. सहोता का कहना है कि यह विषय फूड सप्लाई यानी खाघ विभाग से जुड़ा हुआ है, लिहाजा फूड लाइसेंस बनवाने और खाघ पदार्थों की जांच आदि करने वाले विभाग को ही इस मामले में जिम्मेदारी दी जानी चाहिए।

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