11 दिसंबर को किसान मनाएंगे विजय दिवस
15 को फिर होगी संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक
11 दिसंबर से किसानों की वापसी होगी शुरू
नई दिल्ली। सिंधु बॉर्डर स्थित किसान आंदोलन स्थल पर आज हुई संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक में सरकार की तरफ से दोबारा भेजे गए प्रस्तावों पर सहमति जाहिर करते हुए फिलहाल पूरे देश भर में जारी किसान आंदोलन को स्थगित कर दिया गया है।
एक साल तक चले किसान आंदोलन की आज एक तरह से समाप्ति की घोषणा हो गई है। स्थगित करने की बात सिर्फ इसलिए की जा रही है कि सरकार अगर अपनी किसी बात से मुकरती है तो वह फिर आंदोलन शुरू कर देंगे। संयुक्त मोर्चा की आज की बैठक के बाद प्रेस वार्ता में इस बात की जानकारी दी गई कि सरकार ने उनकी लगभग सभी मांगों को मान लिया गया है। पत्रकार वार्ता में बताया गया कि वह कल अपना विजय दिवस इसलिए नहीं मना रहे हैं क्योंकि हेलीकॉप्टर दुर्घटना में कई सैन्य अधिकारी मारे गए हैं जिनका कल अंतिम संस्कार है। ११ दिसंबर को विजय दिवस मनाते हुए किसान अपने अपने घर लौटना शुरू हो जाएंगे।
उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा तीनों कृषि कानूनों की वापसी के बाद भी किसान आंदोलन पर अड़े हुए थे उनकी मांग थी कि सरकार एमएसपी गारंटी के साथ-साथ उनकी छह अन्य मांगों को जब तक नहीं मानेगी तब तक किसान घर नहीं लौटेंगे। उन्होंने सरकार से बातचीत करने का आग्रह भी किया था। जिस पर सरकार ने पहल करते हुए एक प्रस्ताव किसानों के पास भेजा था। जिसे किसानों ने ठुकरा दिया था लेकिन किसानों को भेजे गए सरकार के प्रस्ताव में किसानों की सभी मांगे मान ली गई हैं। किसानों पर दर्ज मामलों को तत्काल वापस लेने और मृतक किसानों को मुआवजा देने पर सहमति जाहिर कर दी गई है। सरकार के नए प्रस्ताव में एमएसपी के लिए गठित कमेटी मैं संयुक्त किसान मोर्चा के नेताओं को भी शामिल करने की बात कही गई है। तथा पराली जलाने के कानून को भी जुर्माना मुक्त करने को कहा गया है।
किसान नेताओं को भरोसा है कि सरकार ने जो कहा है उस पर वह अमल भी करेगी इसलिए उन्होंने सभी बॉर्डर से अपने तंबू उखाड़ना शुरू कर दिए हैं लेकिन १५ दिसंबर को फिर समीक्षा बैठक करने की बात कही है।