नई दिल्ली। येरूशलम में मुसलमानों की तीसरी सबसे पवित्र अल अक्सा मस्जिद पर इजरायली सेना ने बुधवार तड़के यरुशलम के पुराने शहर में अल-अक्सा मस्जिद पर छापा मारा और फिलिस्तीनी नमाजियों पर हमला किया है। फिलिस्तीनी मीडिया रिपोर्ट्स में बताया गया है, कि इस्लामिक और यहूदी छुट्टियों के ओवरलैप होने के कारण व्यापक तनाव की आशंका बढ़ गई है। पूर्वी यरुशलम और वेस्ट बैंक में महीनों से तनाव बढ़ा हुआ है और ये तनाव और भी काफी बढ़ गया है। वहीं, माना जा रहा है, कि इजरायली सेना के घुसने के बाद माना जा रहा है, कि इजरायल और फिलीस्तीन के बीच का तनाव और बढ़ सकता है।
आपको बता दें, कि ये विवादित पवित्र परिसर में इस्लाम में तीसरा सबसे पवित्र मस्जिद है, जबकि इसे यहूदी धर्म में भी सबसे पवित्र स्थल का दर्जा प्राप्त है, जिसे टेंपल माउंट के नाम से जाना जाता है। अतीत में इजरायल और गाजा के हमास शासकों के बीच अल अक्सा मस्जिद विवाद की वजह से घातक युद्ध हो चुके हैं। सबसे आखिरी लड़ाई 2021 में लड़ी गई थी, जिसमें फिलिस्तीन आतंकी संगठन हमास को काफी नुकसान पहुंचा था। हालांकि, इस छापेमारी के बाद इजरायली पुलिस ने दावा किया है, कि उन्होंने दंगा रोकने के लिए ये कार्रवाई की है।
अलजजीर के मुताबिक, फिलीस्तीनी रेड क्रीसेंट ने कई लोगों के घायल होने की जानकारी दी है, लेकिन अभी तक कितने लोग घायल हुए हैं, इसकी सटीक जानकारी नहीं दी है। इसने एक बयान में कहा है, कि इजरायली सेना मेडिकल टीम को अल-अक्सा तक पहुंचने से रोक रही थी। एक बुजुर्ग महिला ने रॉयटर्स समाचार एजेंसी को मस्जिद के बाहर रोते हुए बताया, कि “मैं एक कुर्सी पर बैठी (कुरान) पढ़ रही थी और उस वक्त उन्होंने स्टन ग्रेनेड फेंके, उनमें से एक मेरी छाती पर लगा।” वहीं, इजरायली पुलिस ने एक बयान में कहा, कि “नकाबपोश हमलावरों” ने पहले बम फोड़े थे और उनके पास लाठी और पत्थर थे, जिसे वो बरसा रहे थे। इजरायली पुलिस के मुताबिक, हमलावरों मस्जिद के अंदर से धमाके कर रहे थे और हमला कर रहे थे, जिसके बाद उन्हें विवादित मस्जिद में प्रवेश करने के लिए मजबूर होना पड़ा। इजरायली पुलिस ने बयान में कहा, कि “जब पुलिस ने प्रवेश किया, तो उन पर पत्थर फेंके गए और हमलावरों के एक बड़े समूह ने मस्जिद के अंदर से आतिशबाजी की।” बयान में कहा गया है कि एक पुलिस अधिकारी के पैर में चोट आई है।